बेरूत, 11 जनवरी . लेबनान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जोसेफ औन ने शनिवार को ऐलान किया कि वह सऊदी अरब का दौरा करेंगे. उनकी यात्रा सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के निमंत्रण पर हो रही है.
लेबनानी राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, सऊदी क्राउन प्रिंस ने औन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान यह निमंत्रण दिया.
औन ने निमंत्रण स्वीकार किया और कहा कि यह यात्रा राष्ट्रपति के रूप में उनकी पहली विदेश यात्रा होगी, जिसमें लेबनान का समर्थन करने में सऊदी अरब की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा.
फोन पर बातचीत के दौरान, सऊदी क्राउन प्रिंस ने औन को राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर बधाई दी. दोनों नेताओं ने हाल के घटनाक्रमों और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की.
लेबनान के पूर्व सेना प्रमुख औन को गुरुवार को लेबनान का 14वां राष्ट्रपति चुना गया. उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में 128 संसदीय मतों में से 99 मत प्राप्त हुए.
उनकी जीत ने लेबनान में दो साल से ज़्यादा समय से चली आ रही राष्ट्रपति पद की रिक्तता को समाप्त कर दिया.
संसद सत्र के पहले दौर में औन दो तिहाई बहुमत या 86 वोट हासिल करने में नाकाम रहे. दो घंटे बाद दूसरे दौर में जीत के लिए 65 वोटों का साधारण बहुमत पर्याप्त था.
चुनाव के बाद, औन ने सांसदों के सामने शपथ लेने और उद्घाटन भाषण देने के लिए बेरूत शहर के संसद भवन में प्रवेश किया.
आधिकारिक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार, औन ने ‘लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरुरत’ को स्वीकार किया, और ‘कानूनी व न्यायिक सुधार के महत्व’ को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, “न्यायपालिका में हस्तक्षेप निषिद्ध है, और अपराधियों या भ्रष्ट व्यक्तियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी. लेबनान में माफियाओं, ड्रग्स तस्करी या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कोई जगह नहीं है.”
लेबनान में राजनीतिक विभाजन के कारण 31 अक्टूबर, 2022 को पूर्व राष्ट्रपति मिशेल औन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति पद रिक्त हो गया. संसद 12 चुनावी सत्रों में देश के लिए राष्ट्रपति का चुनाव करने में विफल रही थी.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक 60 वर्षीय जोसेफ औन, [जो मिशेल औन से संबंधित नहीं हैं], को व्यापक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब का पसंदीदा उम्मीदवार माना जाता है. इन दोनों देशों का समर्थन इजरायल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच 14 महीने के संघर्ष के बाद लेबनान के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगा.
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