‘यंग इंडिया’ काम करने के सही तरीके की रखता है समझ, ‘काम के घंटों’ का कॉन्सेप्ट नहीं सही : टॉप फाउंडर्स

नई दिल्ली, 11 जनवरी . एलएंडटी के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन द्वारा कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने के सुझाव पर विवाद बढ़ने के बीच, लीडिंग स्टार्टअप फाउंडर और निवेशकों ने शनिवार को कहा कि ‘यंग इंडिया’ नहीं चाहता कि उसे बताया जाए कि उसे क्या करना है और हमें उनका सम्मान करना चाहिए.

इसका मतलब यह नहीं है कि वे कम काम कर रहे हैं क्योंकि युवा भारतीय “अलग-अलग तरीकों से प्रेरित होते हैं”.

सीरियल उद्यमी रोनी स्क्रूवाला ने ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ कार्यक्रम के दौरान से कहा, “मुझे लगता है कि हम सभी जानते हैं कि आपको एक संपूर्ण व्यक्ति होने की जरूरत है, अन्यथा आप प्रदर्शन नहीं कर सकते. इसलिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है, लेकिन कड़ी मेहनत और काम की परिभाषा अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है और मुझे लगता है कि हमें उस व्यक्तित्व का सम्मान करने की जरूरत है”.

ओयो के सह-संस्थापक और सीईओ रितेश अग्रवाल ने कार्यक्रम में को बताया कि काम के घंटों का कॉन्सेप्ट “सही अवधारणा नहीं है”.

अग्रवाल ने कहा, “काम के लिए सही अवधारणा यह है कि आपको पूरे मन से काम करना चाहिए. हर कोई विकसित भारत मिशन के लिए पूरे मन से काम कर रहा है. कुछ लोग दिन में केवल 4 घंटे में प्रोडक्टिव हो सकते हैं, जबकि कुछ लोगों को 8 घंटे लग सकते हैं. हर किसी का काम करने का अपना तरीका और रास्ता हो सकता है.”

उन्होंने आगे कहा कि यंग इंडिया के लिए आगे बहुत बड़ा अवसर है.

अग्रवाल ने कहा, “अगर आपके पास देश को ‘विकसित भारत’ बनाने का कोई आइडिया है, तो आप इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा कर सकते हैं. कई उत्साहित संस्थापक अपनी कहानी साझा करेंगे. मैं सभी युवाओं को इस अवसर के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं.”

स्क्रूवाला के अनुसार, मुख्य बिंदु ‘डायवर्सिटी’ है और यही भारत की पहचान है. स्क्रूवाला ने कहा, “हम युवाओं को रॉ एनर्जी, जुनून, नए विचारों, ताजगी या विविधता के रूप में देखते हैं.”

यूथ अफेयर्स डिपार्टमेंट 10-12 जनवरी को भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ का आयोजन कर रहा है.

इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को ‘विकसित भारत’ के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशन प्रस्तुत करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करना है.

यह युवा लीडर्स को नीति निर्माताओं, राष्ट्रीय और वैश्विक हस्तियों के साथ सीधे जुड़ने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही देश के भविष्य को आकार देने के लिए अपने विचारों का योगदान देता है.

एसकेटी/जीकेटी