एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने की घोषणा, बीपीएससी मामले को लेकर होगा बड़ा आंदोलन

पटना, 11 जनवरी . नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी शनिवार को पटना पहुंचे और बीपीएससी परीक्षार्थियों को समर्थन देने की घोषणा की. उन्होंने यहां गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रों को समर्थन दिया और घोषणा करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर अब बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह यहां कुछ घंटों के लिए मौन व्रत पर बैठ रहे हैं.

दरअसल, बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने को लेकर परीक्षार्थी पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस बीच, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी भी यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर वह पूरे बिहार में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे और बिहार में भी आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि यह केवल एक परीक्षा का मामला नहीं है. पहले विद्यार्थी परीक्षा देकर रैंक की चिंता करते थे लेकिन अब विद्यार्थियों को इसका डर रहता है कि कहीं प्रश्नपत्र लीक की खबर नहीं आ जाए और परीक्षा ही रद्द न हो जाए.

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यहां के आंदोलनकारी छात्रों पर लाठियां चलाई गईं, उस वीडियो को देखकर रूह कांप गई. यहां के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को यहां आकर देश के छात्रों से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि एनएसयूआई संगठन इन लोगों के साथ है और पूरे भारत के छात्र संगठन ने इनका समर्थन किया है. उन्होंने भरोसा देते हुए कहा कि वे लोग किसी भी परिस्थिति में इनके साथ हैं.

इस बीच, गर्दनीबाग धरना स्थल पर सत्याग्रह पर बैठे छात्रों ने घोषणा करते हुए कहा कि हमने पहले सभी छात्र संगठनों से समर्थन मांगा था, जिसमें अधिकतर छात्र संगठनों ने समर्थन देने की बात कही है. इसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के छात्र संगठन शामिल हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एबीवीपी ने भी मौखिक रूप से इस आंदोलन का समर्थन किया है.

धरना पर बैठे अमन कुमार ने बताया कि यहां छात्र संसद का आयोजन कर रहे हैं और सभी छात्र संगठनों के लोग यहां आकर समर्थन देने आएंगे और यह बताएंगे कि यह छात्र अकेले नहीं, पूरा देश इनके साथ है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के मुद्दे पर सिर्फ पुनर्परीक्षा ही मांग है. अब आगे संयुक्त युवा सत्याग्रह मंच के तहत सत्याग्रह होगा.

उन्होंने घोषणा की, अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो शांतिपूर्ण तरीके से पूरे प्रदेश में पदयात्रा निकाली जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह 12 जनवरी को बिहार बंद का भी समर्थन करेंगे.

एमएनपी/एएस