2033 तक वैश्विक स्तर पर 2.2 मिलियन से अधिक हो जाएगी एचआईवी के मामलों की संख्या : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 10 जनवरी . एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस के मामलों में 0.90 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं 2023 में 2.00 मिलियन से बढ़कर 2033 में इसके 2.18 मिलियन तक बढ़ने का अनुमान है.

एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट से पता चला है कि एचआईवी के मामलों में यह वृद्धि मुख्य रूप से अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, यूके और जापान में देखी जाएगी.

इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि 2033 में सात देशों में एचआईवी के सबसे ज्‍यादा मामले देखने को मिलेगे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सबसे ज्‍यादा मामले अमेरिका में होंगे. यहां से लगभग 1.46 मिलियन मामले सामने आ सकते है.

वहीं सबसे कम मामले जापान में होगे. यहां लगभग 34,400 मामले होने का अनुमान है.

ग्लोबलडाटा के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी केसी फ्रीमुथ ने कहा, ”एचआईवी के निदान किए गए मामलों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो एचआईवी की बढ़ी हुई निदान दर, एंटीरेट्रोवायरल उपचार (एआरटी) के कारण एचआईवी पॉजिटिव लोगों की औसत आयु में वृद्धि और इन देशों में जनसंख्या गतिशीलता के संयोजन के कारण एचआईवी के निदान किए गए प्रचलित मामलों में वृद्धि होने की उम्मीद है.”

भविष्य में एचआईवी के प्रसार को कम करने के लिए उपकरण उपलब्ध हैं. प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (प्रीप) को हाल ही में अमेरिका और फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और यूके जैसे पांच यूरोपीय देशों में मंजूरी मिली है. जापान में इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है.

फ्रीमथ ने कहा, “एचआईवी के बोझ को कम करने के भविष्य के प्रयासों में प्रीप के माध्यम से या एआरटी के उपयोग के माध्यम से संचरण को कम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

इस बीच हाल ही में यू.एस. फेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ.डी.ए.) द्वारा लीनाकेपवीर को मंजूरी देना एचआईवी के उपचार में एक महत्वपूर्ण सफलता है. गिलियड साइंसेज द्वारा विकसित नई प्रोटोटाइप दवा बहु औषधि प्रतिरोधी एचआईवी से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के लिए वर्ष में दो बार इंजेक्शन लगाने की एक खास प्रणाली का उपयोग करती है.

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