बैकुंठ एकादशी पर हुबली के वेंकटरमण मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़

हुबली, 10 जनवरी . वेंकटरमण मंदिर नृपतुंगा पहाड़ी पर स्थित है. बैकुंठ एकादशी के मौके पर भगवान वेंकटरमण के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. इस खास अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा और कांकैर्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

मंदिर के पुजारी श्री सुधिद्रतीर्थ की अगुवाई में पूजा की जा रही है. वे अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर पहुंचे हैं. इस दिन भगवान वेंकटरमण की मूर्ति को विशेष रूप से सजाया गया है, जो भक्तों के मन को शांति और आशीर्वाद प्रदान कर रही है.

बैकुंठ एकादशी के महत्व को देखते हुए, मंदिर में भक्तों का आना-जाना बढ़ गया है. इस दिन को विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित किया जाता है और श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन उपवास और प्रार्थना करते हैं.

वेंकटरमण मंदिर में हो रही पूजा और कार्यक्रमों को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह स्थल श्रद्धा और भक्ति का एक बड़ा केंद्र बन चुका है.

मंदिर की कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक सरे ने इस संबंध में से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि बैकुंठ एकादशी साल में महज एक ही बार आता है. हिंदू पौराणिक ग्रंथों के हिसाब से यह दिन बहुत ही अहम माना जाता है. हिंदू धर्म में इसे लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु बैकुंठ के द्वार को अपने भक्तों के लिए खुला रखते हैं, ताकि उनका उद्धार हो सके. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु अपने भक्तों के लिए शांति का मार्ग प्रशस्त करते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि इस मंदिर को बने 15 साल हो गए. इस मंदिर को बैकुंठ एकादशी के दिन भक्तों के लिए सुबह सात बजे से लेकर रात 11 बजे तक खोला जाता है, ताकि सभी भक्त दर्शन कर सकें. आज के दिन भक्तों का उत्साह अपने चरम पर है. सभी लोग मंदिर में आकर भगवान का दर्शन करने के लिए काफी आतुर नजर आ रहे हैं.

उन्होंने आगे बताया कि अमूमन आज के दिन 12 से 15 हजार श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं. दर्शन के दौरान वो भगवान को प्रसाद भी चढ़ाते हैं. भगवान को प्रसाद चढ़ाने के बाद उनकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है.

उन्होंने से बातचीत में बताया कि यह बहुत ही अहम है. किसी भी श्रद्धालु को इस दिन पूरी गंभीरता के साथ नियमों का पालन करना चाहिए. ऐसी परंपरा है कि इस दिन श्रद्धालु महज तुलसी और पानी लेकर ही भगवान के पास आएं. अगर वो ऐसा करेंगे तो उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाएगी. माना जाता है कि यह मार्ग भगवान द्वारा निर्धारित किया गया है.

एसएचके/केआर