संभल के प्राचीन तीर्थों और कूपों का जिलाधिकारी ने लिया जायजा, कहा-अतिक्रमण को कराया जा रहा खाली

संभल, 9 जनवरी . संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने गुरुवार को संभल जिले के विभिन्न प्राचीन तीर्थ स्थलों और कूपों के पुनरुद्धार कार्य का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने एकांती तीर्थ की भूमि पर किए गए पट्टे को निरस्त किया. इसके साथ ही उन्होंने चतुर्भुज कूप, अशोक कूप, चतुर्थ सागर, एकांती तीर्थ, शंख माधव जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का निरीक्षण किया.

जिलाधिकारी ने बताया कि प्राचीन समय में इन तीर्थ स्थलों और तालाबों का अत्यधिक महत्व था, जहां लोग स्नान, पूजन और दर्शन करते थे. उन्होंने बताया कि अब इन जगहों को फिर से संजीवनी देने का कार्य शुरू किया गया है.

डीएम राजेंद्र पैंसिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज हमने संभल के विभिन्न तीर्थ स्थलों का निरीक्षण किया. सामान्य रूप से सभी तीर्थ स्थान और कूप कागजों में दर्ज हैं, लेकिन किसी कारणवश उन पर कब्जा हो गया है. बहुत सी जगहों पर हमारे प्रधान, युवा नेता और पार्षद इन जगहों को खाली करा रहे हैं. जिस तरह से हम अन्य स्थानों पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाते हैं, उसी तरह यहां भी अवैध कब्‍जे को हटाने के ल‍िए अभ‍ियान चलाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमने एक शांति तीर्थ पर भी काम किया है, जहां दो साल पहले तालाब का पट्टा हुआ था. उस पट्टे को निरस्त कर दिया गया है और अब इसे मनरेगा के अंतर्गत सुधारने का कार्य जारी है. ग्राम क्षेत्र में हम मनरेगा और ग्राम नीति के तहत सुधार कार्य कर रहे हैं, वहीं नगर क्षेत्र में नगरपालिका परिषद के माध्यम से और नगर विकास विभाग की योजनाओं के तहत इन स्थानों का पुनर्निर्माण हो रहा है. योजना में पर्यटन और धर्मार्थ कार्य विभाग भी शामिल हैं, जिनके माध्यम से इन स्थलों को सुंदर और सुलभ बनाया जाएगा. आज अशोक कूप पहले से बेहतर स्थिति में है, लेकिन कुछ छोटे-मोटे सुधार बाकी हैं. उसे हम वंदन योजना के तहत सुधारेंगे. इसके अलावा, चतुर्थ सागर, एकांती तीर्थ और शंकर माधव जैसे स्थानों का भी निरीक्षण किया गया है.

उन्होंने कहा कि चंदेश्वर महादेव मंदिर के मामले में, जहां संपत्ति पर अवैध कब्जा था, उसकी भी जांच की जा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह संपत्ति 80 बीघा थी, लेकिन बाद में यह 26 से 30 बीघे में सिमट गई. हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं और जो तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. हमने अन्य स्थानों पर भी अवैध कब्जे को लेकर टीमों का गठन किया है. जो लोग इन धार्मिक स्थलों पर कब्जा कर रहे हैं, उनकी पहचान की जा रही है और हमारे पुराने राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर चिन्हांकन किया जा रहा है. इसके बाद नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का काम किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में हम ध्यान रख रहे हैं कि सभी कार्य कानूनी तरीके से और सही तरीके से किए जाएं.

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