नई दिल्ली, 8 जनवरी . आम आदमी पार्टी (आप) के नेता बुधवार को मीडिया को साथ लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास देखने पहुंचे, तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसे लेकर पुलिस और ‘आप’ नेताओं के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें आवास के अंदर जाने नहीं दिया.
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैंने सुना है कि “राजमहल” में एक सिंहासन भी है, जिसकी कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है.” जबकि, मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा, ”जब इनके झूठ को उजागर करने संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज गए तो प्रोपेगैंडा की पोल खुलने के डर से गाली-गलौज पार्टी ने पुलिस को आगे कर उनका रास्ता रोक दिया. अगर देश को पता चल जाता कि सीएम आवास में स्विमिंग पूल, सोने का टॉयलेट और मिनी बार नहीं है, तो गाली-गलौज पार्टी की गालियां झूठी साबित हो जातीं.”
दरअसल, बुधवार सुबह 11 बजे आम आदमी पार्टी के नेता मीडिया को लेकर पहले सीएम आवास पहुंचे. लेकिन, दिल्ली पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया. इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने पुलिस से सीएम आवास के अंदर जाने की वजह बताते हुए कहा कि भाजपा आरोप लगाती है कि आवास में स्विमिंग पूल, सोने के टॉयलेट और मिनी बार बना हुआ है. हम मीडिया को यही दिखाने के लिए आए हैं कि ये सब कहां है? लेकिन, पुलिस ने अंदर जाने नहीं दिया.
इसके बाद पार्टी नेता प्रधानमंत्री आवास के लिए निकले. लेकिन, उन्हें दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया. कुछ देर तक उनके बीच बहस हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास के अंदर नहीं जाने दिया और उन्हें दूर से ही वापस कर दिया.
इस संबंध में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा, ”देश की जनता को यह जानना जरूरी है कि करोड़ों के झूमर, महंगे कालीन और लाखों के पेन कैसे होते हैं. अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि हम सच्चे हैं, ईमानदार हैं और इसी ईमानदारी के दम पर भाजपा के झूठ को जनता के सामने उजागर करने का साहस रखते हैं. यह आम आदमी की ललकार है.”
प्रधानमंत्री आवास के बाहर पुलिस ने ‘आप’ नेताओं को रोका तो उन्होंने कहा कि भाजपा का झूठ आज पूरे देश के सामने उजागर हो गया है. ये लोग कहते थे कि मुख्यमंत्री आवास में सोने का टॉयलेट, मिनी बार और स्वीमिंग पूल है. हम मीडिया को वहां लेकर गए. लेकिन पुलिस की छावनी बनाकर हमें वहां जाने नहीं दिया गया. हमने कहा कि प्रधानमंत्री का राजमहल जो 2,700 करोड़ रुपये का बना है, चलिए उसको देख लेते हैं. यहां पर आए तो पुलिस ने छावनी बनाकर रोक दिया. इसका मतलब हमारे आरोप पूरी तरह से सत्य हैं.
नेताओं ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री आवास की चाबी तो पीडब्ल्यूडी के पास है, लेकिन यहां तो प्रधानमंत्री हैं. उनका घर खुला हुआ है. वो सबको दिखा सकते हैं. अगर भाजपा ये बहस चला रही है तो प्रधानमंत्री का आवास क्यों नहीं दिखा रही है?
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पीकेटी/एबीएम