हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए तय की पांच मार्च की तारीख

संभल, 8 जनवरी . उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. जामा मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति स्थानीय कोर्ट में प्रस्तुत की. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अभी इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो सकती है. जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई पांच मार्च को तय की.

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने अमीर हुसैन बताया कि सुप्रीम कोर्ट से एक आदेश पारित हुआ है कि जब तक वरशिप एक्ट में कोई फाइंडिंग नहीं आ जाती है, तब तक जिला न्यायालय में सुनवाई नहीं होगी. हमने सुप्रीम कोर्ट की छाया प्रति कोर्ट में दाखिल कर दी है. पांच मार्च की तारीख दी गई है. पक्षकार अपनी-अपनी बात तो कहते ही हैं. वादी पक्ष कह रहा है कि यहां पर हरिहर मंदिर है. प्रतिवादी कह रहा है कि यहां जामा मस्जिद है. यह काम अदालत तय करेगी. हमारा काम अपना-अपना एविडेंस देना है. हमारे पास पूरे साक्ष्य हैं. हम यह साबित कर देंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं, जामा मस्जिद है.

इससे पहले दो जनवरी को संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर ने अदालत में दाखिल की थी. इस रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में पेश किया गया था. कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि सर्वे के दौरान शाही जामा मस्जिद में पाए गए साक्ष्यों के संबंध में सर्वे रिपोर्ट पेश की है.

ज्ञात हो कि 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है. 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ. दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ. मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कई मौतें हो गईं. आगजनी और पथराव के दोषियों को चिह्नित करके गिरफ्तार भी किया गया है.

विकेटी/एएस