वित्त वर्ष 2025 में रेलवे का पूंजीगत व्यय दो लाख करोड़ रुपये से अधिक

नई दिल्ली, 7 जनवरी . चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे का पूंजीगत व्यय दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है. आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, जनवरी में ही 1,198 करोड़ रुपये का कुल व्यय हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक अंग्रेजी दैनिक का आर्टिकल शेयर करते बताया कि चालू वित्त वर्ष 2025 में रेलवे का पूंजीगत व्यय दो लाख रुपये से अधिक का हो गया है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा में कई रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जहां जम्मू रेलवे डिवीजन, तेलंगाना में चेरलापल्ली न्यू टर्मिनल स्टेशन का उद्घाटन किया, वहीं, ईस्ट कोस्ट रेलवे के रायगढ़ रेलवे डिवीजन भवन की आधारशिला भी रखी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बताया, “2025 की शुरुआत से ही भारत कनेक्टिविटी की तेज रफ्तार बनाए हुए है. रविवार को मैंने दिल्ली-एनसीआर में ‘नमो भारत ट्रेन’ का शानदार अनुभव लिया. दिल्ली मेट्रो की अहम परियोजनाओं की शुरुआत की. रविवार को भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की. हमारे देश में अब मेट्रो नेटवर्क एक हजार किलोमीटर से ज्यादा का हो गया है. आज यहां करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है.”

पीएम मोदी ने कहा कि “उत्तर में जम्मू-कश्मीर, पूर्व में ओडिशा और दक्षिण में तेलंगाना, आज देश के बड़े हिस्से के लिए कनेक्टिविटी के लिहाज से बड़ा दिन है. इन तीनों राज्यों में आधुनिक विकास की शुरुआत ये बताता है कि पूरा देश अब एक साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है. यही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का वो मंत्र है, जो ‘विकसित भारत’ के सपने में विश्वास के रंग भर रहा है. मैं इस अवसर पर तीनों राज्यों के लोगों को और सभी देशवासियों को इन परि‍योजनाओं के ल‍िए बधाई देता हूं.”

उन्होंने कहा कि “आज देश ‘विकसित भारत’ की संकल्प सिद्धि में जुटा है. इसके लिए भारतीय रेलवे का विकास बहुत महत्वपूर्ण है. हमने देखा है कि पिछला एक दशक भारतीय रेलवे के ऐतिहासिक ट्रांसफॉर्मेशन का रहा है. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक विजिबल चेंज आया है. इससे देश की छवि बदली है और देशवासियों का मनोबल भी बढ़ा है.”

पीएम मोदी ने बताया, “भारत में रेलवे के विकास को हम चार पैरामीटर पर आगे बढ़ा रहे हैं. पहले रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर का मॉर्डनाइजेशन, दूसरा रेलवे के यात्रियों को आधुनिक सुविधा, तीसरा रेलवे की देश के कोने-कोने में कनेक्टिविटी, चौथा रेलवे से रोजगार का निर्माण, उद्योगों को सपोर्ट.”

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