संभल में ऐतिहासिक धरोहरों का डीएम और एसपी ने किया निरीक्षण, बोले – विरासत का होगा संरक्षण

संभल, 4 जनवरी . उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में इन दिनों प्राचीन इमारतें मिलने का दौर जारी है. वहीं, जिला प्रशासन ऐतिहासिक इमारतों और सामानों का निरीक्षण कर संरक्षित करने में जुटा है. इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण कर उसे संरक्षित करने की बात कही.

जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि संभल जिले में कुल छह स्थान एएसआई संरक्षित स्मारक के अंतर्गत आते हैं. उनमें से बेरनी, गुंथल, करथल, विवादित धर्मस्थल, फिरोजपुर का किला, सौंधन का किला शाम‍िल है. जो गेट है, वह संरक्षित स्मारक है. यहां पर जो अतिक्रमण है, उसके लिए एएसआई से बात हुई है.

उन्होंने बताया कि हम विजिट कर रहे हैं. नोटिस दे रहे हैं. उसकी कॉपी भी हमारे पास भेजी जा रही है. इस बारे में एएसआई अप्रोच करेगी तो हम कार्रवाई करेंगे. सौंधन के किले को 500 वर्ष पहले बनाया गया था. यहां पर प्राचीन कूप, मंदिर और मस्जिद हैं. हम एएसआई को विरासत के बारे में बताएंगे और जीर्णोद्धार के बारे में भी कहेंगे.

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी केके बिश्नोई ने सौंधन स्थित ऐतिहासिक किले, मस्जिद और कुआं का निरीक्षण किया. उन्होंने एएसआई संरक्षित इमारतों को वीडियो कॉल कर एएसआई के अधिकारियों को दिखाया. साथ ही हल्का लेखपाल से इमारतों की भूमि के बारे में जानकारी.

शनिवार की शाम डीएम राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और एसडीएम सौंधन स्थित ऐतिहासिक किले, मस्जिद व कुआं का निरीक्षण करने पहुंचे.

सौंधन का किला क्षेत्र की एक प्राचीन व ऐतिहासिक इमारत है. जो पुरातत्व विभाग में गेट-वे ऑफ कारवां सराय के नाम से दर्ज है. यह स्थापत्य कला संभल को दी गई खूबसूरत और यादगार निशानियों में से एक है.

विकेटी/एबीएम