जम्मू, 4 जनवरी . केंद्र सरकार की नाबार्ड योजना के तहत सहारा जागृति फल और सब्जी सहकारी विपणन समाज के द्वारा करीब 1.5 लाख महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जा रहा है. केंद्र की इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है.
साहारा जागृति मंच की सदस्य सिमरन ने शनिवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि लगभग 1.5 लाख महिलाएं इस पहल से जुड़ी हुई हैं और विभिन्न उत्पादों पर काम कर रही हैं.
सिमरन ने आगे कहा कि महिलाओं ने हल्दी के पारंपरिक उपयोग को नई दिशा दी है. पहले हल्दी केवल एक पाउडर के रूप में रसोई में उपयोग होती थी, लेकिन अब हम हल्दी से बने नए उत्पादों जैसे हल्दी जैम, हल्दी क्यूब्स और अन्य सामान बना रहे हैं. यह पहल न केवल महिलाओं को रोजगार दे रही है, बल्कि उन्हें एक नया अवसर भी दे रही है, जिससे वह अपने घरों में छोटे व्यवसाय चला रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाओं के आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए सिमरन ने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए ऐसी योजनाएं बनाई, जिससे वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें. उन्होंने बताया कि पहले महिलाओं के पास अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे, लेकिन केंद्र की इस योजना के माध्यम से उन्हें वित्तीय सहायता दी गई. विशेष रूप से जॉइंट लायबिलिटी ग्रुप के तहत महिलाओं को फंडिंग मिली, जिसके चलते वह अपने छोटे व्यवसाय शुरू करने में सक्षम हुईं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने ऐसी योजनाएं लागू की, जो महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुईं.
सिमरन ने आगे कहा कि सहारा जागृति मंच एक कोऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में काम कर रहा है, जहां महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें व्यापारिक गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन किया जाता है. यह मंच न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अपने कौशल को विकसित करने के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराता है.
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