भाजपा ने ‘गोगो दीदी योजना’ के नाम पर की अवैध वसूली, रिकवर कराएंगे राशि : सुप्रियो भट्टाचार्य

रांची, 4 जनवरी . झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झारखंड की महिलाओं से फर्जीवाड़ा करने का आरोप मढ़ा है. शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘गोगो दीदी योजना’ के नाम पर महिलाओं को हर माह 2,100 रुपए देने का झूठा वादा करते हुए भाजपा ने बड़ी संख्या में फॉर्म भरवाया और इसके एवज में उनसे पांच-पांच सौ रुपए वसूले. महिलाओं से अवैध रूप से वसूली गई यह राशि झारखंड की सरकार के जरिए रिकवर कराई जाएगी.

झामुमो नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में थोड़ी भी नैतिकता है तो वह अपने वादे के अनुसार ‘गोगो दीदी योजना’ को केंद्र के स्तर से लागू कराए और देशभर की सभी महिलाओं को प्रतिमाह 2,100 रुपए की राशि प्रदान करे. झारखंड में हमारी सरकार सामाजिक सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दे रही है. महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना हमारी प्रतिबद्धता है.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कहा था दिसंबर, 2024 से ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत राज्य की महिलाओं को 2,500 रुपए दिए जाएंगे. इसे पूरा किया जा रहा है. देश में पहली बार कोई सरकार 56 लाख महिलाओं को 2,500 रुपए प्रतिमाह दे रही है. किसी भी दूसरे प्रदेश की सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए कदम नहीं उठाया है. जिन महिलाओं के बैंक खाते में दिसंबर महीने का पैसा नहीं गया, उनके बैंक खातों में दिसंबर और जनवरी महीने के लिए एक साथ 5,000 रुपए डाले जाएंगे.

भट्टाचार्य ने कहा कि हमने महिला सशक्तीकरण का यह वादा निभाया तो भाजपा के नेताओं के पेट में दर्द शुरू हो गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भ्रम फैलाने में जुटे हैं. वह झामुमो पर आरोप लगा रहे हैं कि हमने 3,200 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने को बात कही थी, उसे पूरा नहीं किया. मरांडी को यह बताना चाहिए कि भाजपा की सरकारों ने अपने कार्यकाल में कब एमएसपी पर धान की खरीदारी की है. एमएसपी लागू करने की मांग करते हुए देश में सैकड़ों किसानों की जान चली गई, पर भाजपा सरकार की नींद नहीं खुली.

झामुमो नेता ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से पूछा कि राज्य में विधानसभा का गठन एक महीने से अधिक हो गया, लेकिन वह अभी तक विधायक दल का नेता क्यों नहीं तय कर पाए?

एसएनसी/एबीएम