बीजिंग, 4 जनवरी . प्राचीन चीन में एक प्रसिद्ध व्यक्ति जू शी थे. उनकी पहचान एक विचारक और एक राज्यपाल की थी. एक अधिकारी के रूप में, वे हमेशा लोगों की परवाह करते थे. उनकी “देश लोगों पर आधारित है और देश लोगों के लिए स्थापित है” की अवधारणा समय और स्थान के माध्यम से यात्रा कर चुकी है और चीन के शासन के संदर्भ में गहराई से अंकित है. यह अवधारणा “बेहतर जीवन के लिए लोगों की चाहत ही हमारा लक्ष्य है” के वर्तमान मूल्य अनुसरण के समान है.
हाल ही में तुर्किये से आए सिनोलॉजिस्ट प्रोफेसर गिरय फ़िदान ने चीन के फ़ूच्येन प्रांत का दौरा किया. वहां उन्होंने इस अवधारणा को गहराई से महसूस किया.
फ़ूच्येन प्रांत के सानमिंग शहर में स्थित फ़ुवेन सामुदायिक वरिष्ठ गृह में गिरय फ़िदान ने चीन के परंपरागत त्योहार दोहरा नौवां महोत्सव से जुड़ी एक गतिविधि में भाग लिया. यह जगह पूरी तरह से मुफ़्त है और जनता के लिए खुला है, जो कोई भी आस-पास रहता है, वह आ सकता है.
फ़ुवेन समुदाय के प्रमुख वांग छी ने परिचय देते हुए कहा कि हम चीन के पारंपरिक त्योहारों के अनुसार रंगारंग गतिविधियों को नियमित रूप से आयोजित करते हैं. हम विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने की आशा करते हैं ताकि बच्चे और बुजुर्ग हमारे बड़े परिवार में भाग ले सकें और जीवन में अधिक खुश रहें.
गिरय फ़िदान ने कहा कि पारंपरिक चीनी संस्कृति पर अपने शोध में, मुझे पता चला कि “जन-उन्मुख सोच” हमेशा चीनी सभ्यता की मिट्टी में निहित रही है. आज के चीन में भी ये पारंपरिक सांस्कृतिक ज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे विभिन्न नवोन्वेषी रूपों में प्रकट होते हैं, जो इस बात पर जोर देते हैं कि सब कुछ लोगों के लिए है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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