लखनऊ, 3 जनवरी . उत्तर प्रदेश के कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड में दोषी ठहराए गए 28 आरोपियों को एनआईए की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और जुर्माना भी लगाया है. मृतक चंदन गुप्ता के भाई ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जाहिर की.
अदालत ने एक दिन पहले गुरुवार को ही सभी 28 आरोपियों को घटना का दोषी करार दिया था. अगले दिन शुक्रवार को आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ सभी पर भारी जुर्माना लगाया गया. मुख्य आरोपी सलीम और छह अन्य को आर्म्स एक्ट में भी सजा सुनाई गई. गुरुवार को दोषी ठहराए गए और गैरहाजिर एक आरोपी सलीम ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया.
मृतक चंदन के भाई विवेक गुप्ता ने कहा कि हमारे देश में मेरे भाई की निर्मम हत्या की गई है. दोषियों को कोर्ट ने सख्त सजा सुनाई है. जिस पर हम संतुष्ट हैं. यह देश की पहली घटना है, जिसमें कोई देशभक्त तिरंगा लेकर निकलता है, उसकी विधर्मियों द्वारा हत्या कर दी जाती है.
एडीजीसी क्रिमिनल एमके सिंह ने बताया कि जो फैसला आया है, उसमें सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. हम लोगों ने फांसी की सजा की मांग की थी. सब पर अलग-अलग जुर्माना लगा है. सलीम का मेन रोल रहा है. उसकी दोनों किडनी खराब होने के कारण आजीवन कारावास हुई है. हमने फांसी की सजा की मांग की थी.
एक दिन पहले गुरुवार को ही एनआईए की विशेष अदालत ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि दो को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया था.
कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान भड़के दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी. चंदन के पिता की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर तिरंगा जुलूस तहसील रोड होते हुए राजकीय बालिका कॉलेज के गेट के सामने पहुंचा. इसी दौरान हथियारों से लैस घात लगाए लोगों ने उन्हें रोका और तिरंगा छीनकर फेंक दिया.
जब चंदन समेत अन्य ने विरोध किया तो पथराव और फायरिंग की गई. आरोप है कि सलीम ने चंदन को निशाना बनाकर गोली मार दी. घायल चंदन को भाई विवेक पहले कासगंज थाना लेकर गया, फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचा, जहां चंदन को मृत घोषित कर दिया गया. फायरिंग में कई अन्य लोग भी घायल हो गए थे. चंदन को न्याय दिलाने के लिए भाई विवेक ने नौकरी तक छोड़ दी.
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विकेटी/एबीएम