लखनऊ, 2 जनवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बैठक में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सेवानिवृत आईएएस-आईपीएस, पूर्व कुलपतियों, शिक्षाविदों व अन्य वरिष्ठ नागरिकों को ‘निक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. यह वरिष्ठ नागरिक ‘निक्षय मित्र’ के रूप में ‘टीबी उन्मूलन’ के प्रयासों में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे.
मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारी सौंपे जाने पर वरिष्ठ नागरिकों ने आभार व्यक्त किया. साथ ही टीबी के खात्मे के लिए अपने योगदान के बारे में भी बताया.
डॉ. आरएमएल मेडिकल साइंसेज एवं पूर्व डीन केजीएमयू के पूर्व डायरेक्टर डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टीबी के खात्मे के लिए मुझे निक्षय मित्र की जिम्मेदारी सौंपी गई. मैं इस पुनीत कार्य के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल से आभार प्रकट करता हूं. सीएम के टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश के विजन को मिशन की तरह धरातल पर उतारने के लिए जागरुकता के साथ अन्य कार्य भी करूंगा. मेरा भी प्रयास होगा कि उत्तर प्रदेश जल्द ही टीबी मुक्त हो.
पूर्व आईएएस रवीश मिश्रा ने कहा, ”निक्षय मित्र की जिम्मेदारी मेरे लिए केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति नैतिक दायित्व भी है. टीबी (मुख्यतः वंचित और कमजोर वर्गों को प्रभावित करती है) मिटाने के प्रति जागरूकता फैलाना और इसे जड़ से खत्म करने के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है. यह हर अधिकारी के लिए बड़ी चुनौती और अवसर है. मैं अपने अनुभव और प्रशासनिक दक्षता के जरिए इसे खत्म करने के लिए अपना भरसक प्रयास करुंगा.”
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित ने बताया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ”टीबी हारेगा, देश जीतेगा” जैसे संदेश को पूरा करने के लिए जन-जन तक जागरूकता अभियान के लिए कार्य करूंगा. इस अभियान के जरिए खासतौर पर ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में टीबी की रोकथाम, निदान और इलाज के महत्व के बारे में लोगों को जानकारी देंगे. स्कूलों, कॉलेजों, सामुदायिक केंद्रों में कार्यशालाएं और जागरूकता सत्र आयोजित कर टीबी के खात्मे के लिए अपनी अहम भूमिका निभाऊंगा.”
पूर्व आईपीएस राजेंद्र पाल सिंह ने कहा, ”टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए मरीजों की निगरानी, दवाओं के वितरण और इलाज की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रभावी रूप से लागू करुंगा. इसके जरिए निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को सही तरीके से वितरित करने के लिए पारदर्शी तंत्र पर फोकस करुंगा, जिससे कोई भी मरीज इससे अछूता न रहे.”
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एसके/एबीएम