पंजाब पुलिस ने बताया, 2024 में किन-किन मामलों में कितनी हुई कार्रवाई?

चंडीगढ़, 31 दिसंबर . पंजाब पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सुखचैन सिंह गिल ने मंगलवार को साल 2024 की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया और बताया कि पुलिस ने किन-किन मामलों में कितनी कार्रवाई की.

आईजी गिल ने बताया कि इस साल पंजाब पुलिस ने ड्रग्स के खिलाफ 8,935 मामले दर्ज किए और 12,255 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें 1,213 वाणिज्यिक ड्रग तस्कर, 210 बड़े तस्कर और 1,316 छोटे तस्कर शामिल हैं. पुलिस ने 1,099 किलो हेरोइन, 991 किलो अफीम, 414 क्विंटल भुक्की, 2.94 करोड़ गोलियां और इंजेक्शन तथा 14 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स मनी जब्त की.

उन्होंने बताया कि ड्रोन के जरिए ड्रग्स की तस्करी पर भी कड़ी नजर रखी गई है. कुल स्थानों पर ड्रोन की गतिविधियों का पता चला, जिनमें से 257 ड्रोन गिराए गए. ड्रोन से 185 किलो हेरोइन और आईईडी बरामद हुए.

उन्होंने बताया कि गैंगस्टरों पर भी सख्त कार्रवाई की गई है. साल 2024 में 559 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 118 एजीटीएफ (एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स) ने पकड़े और 482 हथियार भी बरामद किए. इसके अलावा 64 मामलों में गैंगस्टरों के साथ गोलीबारी हुई, जिसमें 63 गैंगस्टर पकड़े गए, 13 घायल हुए और तीन की मौत हो गई.

आईजी के मुताबिक, पुलिस ने 12 आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और 66 आतंकवादियों को पकड़ा. उनके पास से हथियार, आरडीएक्स, ग्रेनेड और आईईडी जब्त किए गए. सोशल मीडिया पर भी पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की और 443 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ट्रैक कर उनके मोबाइल आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए.

आईजी गिल ने बताया कि इस साल 10,189 नए पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई और पुलिस के लिए 378 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया. पुलिस बल के लिए 426 नए वाहन खरीदे गए, जिनमें ज्यादातर एसएफ (स्पेशल फोर्स) के लिए हैं.

उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के मामलों में भी पंजाब ने बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने 28 नए साइबर क्राइम थाने खोले हैं और 1930 कॉल्स पर 3.51 लाख शिकायतें प्राप्त कीं. इससे 73 करोड़ रुपये बचाए गए और 22 करोड़ रुपये की वसूली की गई.

आईजी गिल ने बताया कि पुलिस अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और सीसीटीवी निगरानी सिस्टम का उपयोग कर रही है. छह जेलों में एक्स-रे स्कैनर लगाए गए हैं और 3,71,000 पुलिसकर्मियों को नई तकनीकों से प्रशिक्षित किया गया है. साथ ही नाबालिग अपराधियों के सुधार के लिए विशेष सेल बनाए गए हैं, ताकि उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके.

एसएचके/एकेजे