बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, विदेशों से आए प्रतिनिधिमंडल ने भारत से की कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली, 30 दिसंबर . अमेरिका, कनाडा और यूरोप से आए हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दक्षिण एशिया के विदेशी संवाददाता क्लब में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और उनके अधिकारों की रक्षा को लेकर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया.

इस दौरान पुष्पिता गुहा ने से बातचीत करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं को गंदगी की तरह माना जा रहा है. हर दिन कोई न कोई खबर आती है, जिसमें महिलाओं के साथ बलात्कार और गैंगरेप की घटनाएं सामने आती हैं. वहां की व्यवस्था अपना काम नहीं कर रही है. जब महिलाएं बलात्कार या यातना का शिकार होती हैं, तो इसे मीडिया में लाना और उन्हें न्याय दिलाना जरूरी है. महिलाएं, जो जीवन देती हैं, उन्हें इस तरह से अपमानित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कई बार बलात्कार के बाद महिलाओं को जहर दिया जाता है और मरने से पहले वह अपनी कहानी अपने बच्चों को बताती हैं. यह स्थिति बेहद दर्दनाक और दुखद है, और सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में महिलाओं के साथ इस तरह के अत्याचार हो रहे हैं. अगर भारत बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना चाहता है, तो उसे इस मामले में सक्रिय होना चाहिए. भारत महिलाओं को बचाने में मदद कर सकता है. देखिए, आज भी जब आप बांग्लादेश के सीमा पर जाएंगे, तो वहां महिलाएं और बच्चे डरे बैठे हुए हैं. उनकी मां का डर उनके सम्मान को लेकर है. भारत की महिला राष्ट्रपति को यह समझना चाहिए कि वह क्यों बैठी हैं.

वहीं, सुशांत दासगुप्ता ने से कहा कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम बांग्लादेश जाते हैं, तो हमें एयरपोर्ट पर रोका जाएगा. वहां की सरकार हमारा नाम जानती है और हमें पकड़ सकती है. यही कारण है कि हम अपनी कहानी यहां भारत में बता रहे हैं, ताकि हमारे मुद्दे को उठाया जा सके. बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई या बौद्ध धर्म के लोग हमेशा ‘भारतीय’ कहकर चिह्नित किए जाते हैं, और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है.

सीतांगशु गुहा ने भी बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ भी पाकिस्तान की तरह व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश अब पाकिस्तान से भी ज्यादा खतरनाक बन चुका है. बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद बढ़ रहा है और वहां आतंकवादियों का गढ़ बन चुका है. भारत को इस्लामिक आतंकवादियों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए और बांग्लादेश को एक शत्रुतापूर्ण राष्ट्र की तरह देखना चाहिए.

पीएसके/जीकेटी