मेलबर्न, 30 दिसंबर . ऑस्ट्रेलिया द्वारा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त लेने के बाद, कप्तान पैट कमिंस का मानना है कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत पर 184 रनों की जीत उनके द्वारा खेले गए सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक है.
कमिंस को मैच में उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए जॉनी मुलाघ मेडल से सम्मानित किया गया, जिसका नाम 1868 में इंग्लैंड के आदिवासी दौरे पर आए स्टार खिलाड़ी के नाम पर रखा गया. कमिंस ने बल्ले से 49 और 41 रनों की महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जबकि गेंद से 3-89 और 3-28 के आंकड़े हासिल करके ऑस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिलाई.
उन्होंने मैच के बाद की प्रस्तुति समारोह में कहा, “यह एक बेहतरीन टेस्ट मैच था, मुझे लगता है कि यह उन सबसे बेहतरीन मैचों में से एक है जिसका मैं हिस्सा रहा हूं. पूरे हफ़्ते दर्शकों की भीड़ कमाल की रही और इसका हिस्सा बनना शानदार रहा. मार्नस ने दूसरी पारी में मेरी बहुत मदद की, योगदान देकर खुश हूं.”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पहली पारी के बड़े स्कोर और निचले क्रम के योगदान ने ऑस्ट्रेलिया को मैच में निर्णायक क्षणों को भुनाने में मदद की. “स्टीव की शानदार पारी, टॉस जीतना, पहले दिन आसान नहीं था, 400 के पार पहुंचना शानदार था. हमने अपने निचले क्रम की बल्लेबाजी पर बहुत काम किया, हम इस बात पर बहुत काम करते हैं कि विपक्षी बल्लेबाजों को सबसे पहले कैसे गेंदबाजी करनी है, लेकिन साथ ही हम बल्ले से कैसे योगदान दे सकते हैं.”
कमिंस ने यह भी खुलासा किया कि रातों-रात पारी घोषित न करने का फैसला भारत की जीत की संभावनाओं को कम करने के लिए था. “हम भारत की जीत को समीकरण से बाहर करना चाहते थे (घोषित न करके). हमारे पास खेलने के लिए बहुत सारे रन थे, और बल्ले के चारों ओर जितने संभव हो सके उतने हेलमेट थे.”
“हम ओवर रेट में थोड़े पीछे थे, इसलिए हमने सोचा कि ट्रैव को इसमें शामिल किया जाए, इससे हमें मदद मिल सकती है. पंत को गेंदबाजी करना कोचिंग स्टाफ का विचार था. चेंज रूम में बहुत खुश हूं, सिडनी पहुंचने से पहले हम इसका थोड़ा आनंद लेंगे.”
पंत का अहम विकेट लेने वाले हेड ने कहा कि बल्ले से एक दुर्लभ शांत टेस्ट के बाद गेंद से योगदान देकर वह खुश हैं. “मेरे पास साढ़े चार दिन थे, बल्ले से ज्यादा कुछ नहीं किया, योगदान देकर खुश हूं. (पंत के लिए योजना) सभी को फेंस पर रखें और रैंक वन गेंदबाजी करें. दोनों टीमों ने काफी कड़ी मेहनत की, और ऐसे क्षण भी आए जब दोनों टीमों ने कदम बढ़ाया.”
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने कहा कि मेलबर्न में जीत के लिए ऑस्ट्रेलियाई खेमे में हमेशा विश्वास बना रहा. उन्होंने कहा,”इस समूह में हमेशा विश्वास रहा है, यह वर्षों से इस समूह की विशेषता रही है. शांत और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की क्षमता.”
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