पूरा हरियाणा ओमप्रकाश चौटाला का परिवार, उसूलों से नहीं किया समझौता: अर्जुन चौटाला

फरीदाबाद, 28 दिसंबर . इनेलो प्रमुख और हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की अस्थि कलश यात्रा संग विधायक अर्जुन चौटाला शनिवार को फरीदाबाद पहुंचे. अपने प्रिय नेता के अस्थि कलश के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग जुटे.

अर्जुन चौटाला ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला का परिवार पूरा हरियाणा रहा है. यही कारण है कि जो लोग तेजा खेड़ा जाने में असमर्थ थे, उनके लिए हर जिले में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की अस्थियों को ले जाया जा रहा है ताकि सभी लोग उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें. इसके लिए अलग-अलग जिलों में उनके पुराने साथियों को जिम्मेदारी दी गई है.

उन्होंने आगे कहा कि चौधरी ओम प्रकाश चौटाला पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भी काम कर चुके हैं. हम उनको भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व भी बड़ा था. चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने कभी भी अपने उसूलों के साथ समझौता नहीं किया और राजनीति में अनेकों उतार-चढ़ाव को उन्होंने पार किया. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अच्छे अर्थशास्त्री थे. चौधरी ओम प्रकाश चौटाला और मनमोहन सिंह राज्यसभा में एक साथ रहे थे और दोनों के बीच आपस में काफी अच्छे संबंध थे.

पार्टी के अनुसार जो लोग अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे, उनके लिए हरियाणा के 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाल गई, ताकि लोग अपने नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.

हरियाणा के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के तीर्थ स्थलों में भी कलश ले जाया जाएगा. ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह 31 दिसंबर को सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में होगा.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) चीफ ओमप्रकाश चौटाला का निधन 20 दिसंबर को हुआ था.

1 जनवरी 1935 को सिरसा के चौटाला गांव में जन्मे ओमप्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे थे. वह 2 दिसंबर 1989 को पहली बार सीएम बने थे और इस पद पर 22 मई 1990 तक रहे थे. जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को 60 दिन में ही पद से हटा दिया गया था, तब उन्होंने 12 जुलाई 1990 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी. हालांकि, चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.

एकेएस/केआर