दिल्ली सरकार के दावे की असलियत, सफाई कर्मचारियों को महीनों से नहीं मिल रहा वेतन

नई दिल्ली, 28 दिसंबर . दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को कालकाजी स्थित सर्वोदय विद्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने स्कूल के बच्चों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के शैक्षिक प्रयासों और सुधारों का जोरदार प्रचार किया. लेकिन, इसी दौरान वहां एक गंभीर स्थिति देखने को मिली, जहां सफाई कर्मचारी सैलरी न मिलने से परेशान नजर आए.

सर्वोदय विद्यालय में काम करने वाले कई सफाईकर्मी अपना वेतन न मिलने के कारण गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे. यह सफाई कर्मचारी पिछले तीन महीनों से वेतन से वंचित थे. कर्ज में डूबे सफाई कर्मचारी अपने घर का किराया तक नहीं चुका पा रहे हैं. वह मुख्यमंत्री आतिशी से मिलकर अपनी समस्या साझा करना चाहते थे. लेकिन, अफसोस की उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. सफाई कर्मियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार यह दावा करती है कि उनका वेतन समय पर दिया जाता है, जबकि असलियत इसके बिल्कुल विपरीत है.

सफाईकर्मियों ने से खास बातचीत में अपनी परेशानी साझा की और बताया कि कैसे समय पर सैलरी न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

सफाई कर्मचारी रीना ने से बात करते हुए बताया कि हम लोगों को सैलरी नहीं मिल रही है, जिससे हम परेशान हैं. हमारे पास पैसा नहीं हैं, हम अपने लिए दवाई तक लेने नहीं जा सकते. इस स्कूल में हम बच्चों के लिए अपनी जान छिड़क रहे हैं. हम सफाई का काम करते हैं और हम पेरेंट्स भी हैं. तीन महीने से हमारी पेमेंट नहीं आई थी, जब हम आतिशी मैडम के ऑफिस में गए थे, तब हमारी सैलरी आई थी. मगर पिछले दो साल से हमें तनख्वाह को लेकर बहुत परेशान किया जा रहा है.

महिला ने आगे कहा कि हमारे प्रिंसिपल सर बहुत अच्छे हैं, उन्होंने हमारी बहुत मदद की है. कई बार वह अपनी जेब से हमें पैसे देते हैं. हम अपने प्रिंसिपल सर का जयकार करेंगे, क्योंकि वह हमारी मजबूरी समझते हैं. हालांकि, वह इतने टॉप लेवल पर नहीं हैं कि हमारे लिए कोई बड़ा विचार कर सकें. हमारी परेशानी का हल चाहिए. हमें काम करते हुए 20 साल हो गए हैं, हमारी मांग है कि हमें पक्का किया जाए.

सफाई कर्मचारी रूबी ने बताया कि हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले हमें समय पर सैलरी मिलती थी, लेकिन अब सैलरी समय पर नहीं मिल रही है. हमें समय पर कोई सुविधा भी नहीं मिल रही है. जब से यह नया ठेकेदार आया है, तब से स्थिति और भी खराब हो गई है. पिछला ठेकेदार हमें समय पर सैलरी देता था, लेकिन नया समय पर कुछ नहीं कर रहा है. हम लोग सीएम आतिशी से मिलने भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.

सफाई कर्मचारी सोनू ने बताया कि तीन से चार महीनों में एक बार सैलरी मिलती है. हम किराए के घर में रहते हैं, समय पर सैलरी न मिलने के कारण हम किराया भी नहीं दे पाते हैं. समय पर किराया नहीं देने के कारण मकान मालिक भी हमसे बहुत परेशान हैं. स्कूल में काम बढ़ गया है, लेकिन फिर भी कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है. सीएम आतिशी ने भी साफ-सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया.

सोनू ने आगे कहा कि हम सीएम आतिशी से बात करने की कोशिश करते हैं, लेकिन मैम हमसे कोई बात नहीं करती हैं. हर बार वह वही पुराना भाषण देती हैं कि मैंने यह किया, मैंने वह किया. बिल्डिंगों की देखभाल और सफाई करने वाले लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया गया. हाल में ही हमलोगों ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का घेराव किया था, जिसके बाद हमारी सैलरी आई थी. हम बहुत ज्यादा परेशान हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

एक अन्य सफाईकर्मी ने बताया कि सैलरी की बहुत बड़ी समस्या है, यह कोई छोटी समस्या नहीं है. हमें कर्ज लेकर घर चलाना पड़ता है, हम लोग बहुत परेशान हो गए हैं. लोग अब हमें उधार देने से भी मना कर देते हैं, हम किसी से उधार नहीं ले सकते. हमें किसी स्कूल के सुपरवाइजर से बात करने का मौका नहीं मिलता. हम सोचते हैं कि किसी दिन जाकर उनसे अपनी परेशानियों के बारे में बात करें.

सफाईकर्मी ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि एक बार सीएम आतिशी से मुलाकात कर उन्हें अपनी परेशानी बताएं. घर सिर्फ पैसे से चलता है और अगर पैसे नहीं हैं तो घर चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है. कभी-कभी हमें स्कूल के प्रिंसिपल से पैसे उधार मांगना पड़ता है. हमारी समस्या बहुत गंभीर है और इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

पीएसके/जीकेटी