हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत के बाद डब्ल्यूएचओ प्रमुख की यूएन कर्मचारियों को रिहा करने की अपील

सना, 27 दिसंबर . विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एक बयान में कहा कि यमनी राजधानी सना में हूती ग्रुप द्वारा गिरफ्तार किए गए 13 यूएन कर्मचारियों की रिहाई पर बातचीत समाप्त हो गई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हम बंदियों की तत्काल रिहाई की मांग करते रहेंगे.”

संयुक्त राष्ट्र ने जून में पुष्टि की थी कि उसके 13 कर्मचारियों को सना में हूती ग्रुप ने हिरासत में ले लिया. आतंकवादी समूह ने गिरफ्तार किए गए यूएन कर्मचारियों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है.

इस बीच, समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने घेब्रेयसस के हवाले से बताया कि सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई बमबारी की गई, जब वह, कुछ अन्य संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ अधिकारी यमन की राजधानी सना से अपनी उड़ान भरने वाले थे. उन्होंने कहा कि हमारे विमान के चालक दल के सदस्यों में से एक घायल हो गया. हवाई अड्डे पर कम से कम दो लोगों के मारे जाने की खबर है. हवाई यातायात नियंत्रण टावर, प्रस्थान लाउंज – जहां हम थे, वहां से कुछ ही मीटर की दूरी पर – और रनवे क्षतिग्रस्त हो गए.

यह देखते हुए कि वह और उनके सहकर्मी सुरक्षित हैं, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि उन्हें हवाई अड्डे को हुए नुकसान की मरम्मत होने तक इंतजार करना होगा, तभी वे वापस लौट सकते हैं.

इजरायल ने गुरुवार को यमन के पश्चिमी तट और अंतर्देशीय यमन में हूती-नियंत्रित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ‘खुफिया-आधारित’ हवाई हमले शुरू करने के तुरंत बाद हूती नेताओं को मारने और समूह की सैन्य शक्ति को खत्म करने की कसम खाई.

हूती, जो उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करते हैं, नवंबर 2023 से इजरायल के खिलाफ नियमित रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहे हैं और लाल सागर में इजरायल से जुड़ी शिपिंग को भी निशाना बना रहे हैं. उनका कहना है कि वे यह सब गाजावासियों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए कर रहे हैं. वहीं इजरायल भी समय-समय पर हूती विद्रोहियों को जवाब देता रहा है.

इससे पहले गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी यमन के हूती विद्रोहियों और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव की निंदा की और युद्ध विराम का आह्वान किया.

उनके प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि यमन में सना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, लाल सागर बंदरगाहों और बिजली स्टेशनों पर इजरायली हवाई हमले विशेष रूप से चिंताजनक हैं.

पीएसके/एमके