महाकुंभ नगर, 27 दिसंबर . प्रयागराज में तंबुओं का नगर बस चुका है. शासन प्रशासन महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए प्रयासरत है. लेकिन, यह इस बार और भी विशेष है, क्योंकि यह बारहवीं बार हो रहा है. इस खासियत की कहानी गीतों की जुबानी सुनाई है एक गायिका ने.
प्रयागराज इस समय तंबुओं से सजा हुआ है और यहां एक अद्भुत तंबू नगर बस चुका है. इस नगर में हर प्रकार की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. यह तंबू नगर अब एक नई पहचान बन चुका है और इसके बारे में हर तरफ चर्चा हो रही है.
महाकुंभ के महत्व को लेकर प्रसिद्ध पार्श्व गायिका डॉ. मेनका मिश्रा ने से बातचीत करते हुए अपने विचार साझा किए.
डॉ. मेनका मिश्रा ने गाना गाते हुए कहा, “अजर हो गया है, अमर हो गया है, शहर तंबू का शहर हो गया है, महाकुंभ की आस्थाओं में डूबा, ये लाखों करोड़ों का घर हो गया है “
मिश्रा ने कहा कि आप सब देख रहे हैं कि यह लाखों-करोड़ों का घर बन चुका है, इस समय तीर्थराज प्रयागराज, जहां पर विश्व का सबसे बड़ा मेला लगता है. यहां दुनिया भर से लोग स्नान करने के लिए आते हैं, मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं. यहां साधु-संतों के अखाड़े हैं और न जाने कितने संतों के अखाड़ों की पेशवाइयां होती हैं. संगम के किनारे जो अद्भुत दृश्य दिखाई देता है, वह सचमुच स्वर्ग से भी सुंदर है. संगम पर एक अनूठा आनंद है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रयागराज के बारे में कहने के लिए मेरे पास शब्द बहुत कम हैं. मैं बस यही कह सकती हूं कि यहां आकर जो अनुभव होता है, वह अनमोल है. महाकुंभ हर 12 वर्ष में लगता है, लेकिन इस बार खास बात यह है कि यह बारहवीं बार महाकुंभ हो रहा है. बारह वर्षों में यह एक खास अवसर है, और यह और भी अद्भुत हो जाता है.
डॉ मिश्रा बोलीं, हम सभी जानते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मेले को और भी भव्य बनाने के लिए कितने तत्पर हैं. उन्होंने सबकी सुविधाओं का ध्यान रखा है, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो. मैं सभी से अपील करती हूं कि वे यहां आकर मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें. इस अद्भुत नजारे को देखकर अपने जीवन को धन्य करें.
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पीएसके/केआर