लखनऊ, 27 दिसंबर. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने मनमोहन सिंह के योगदान को याद किया. उन्होंने पूर्व पीएम की ओर से आम जनता को दिए गए अधिकारों की बात की. कहा कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बनाया.
से बातचीत के दौरान उन्होंने और भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी.
सुरेन्द्र राजपूत ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के मील के पत्थर के रूप में याद किया.
भावुक कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ” बड़े शौक से सुन रहा था जमाना और तुम ही सो गए दास्तां कहते कहते. डॉक्टर साहब, बहुत याद आ रहे हैं. चाहे आप भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में हों, चाहे राजीव गांधी जी के समय में सरकार के आर्थिक सलाहकार के रूप में हों, चाहे नरसिम्हा राव के वित्त मंत्री के रूप में हों या 10 साल तक प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश का नेतृत्व किया हो. आपके द्वारा किए गए कार्यों ने भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था में तब्दील किया. आपने 44 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाई और इसके लिए हम आपके कृतज्ञ हैं.”
राजपूत ने कहा कि उन्होंने जो आर्थिक उदारीकरण का रास्ता दिखाया, उससे हर भारतीय सक्षम हो रहा है. उन्होंने राइट टू एजुकेशन, राइट टू इंफॉर्मेशन और राइट टू फूड जैसे अधिकार दिए, न कि केवल योजनाएं. उनके द्वारा शुरू की गई मनरेगा जैसी योजना शायद दुनिया में इकलौती योजना है जो मांग आधारित है, यानी जिसको कम चाहिए, उसे कम मिलेगा. इसके अलावा, उन्होंने भूमि अधिग्रहण कानून ला कर किसानों को उनके शोषण से मुक्ति दिलाई और उन्हें बाजार भाव से चार गुना अधिक मूल्य दिलवाया. किसान और नौजवान दोनों उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए कृतज्ञ हैं. उन्होंने नौजवानों को रोजगार परक विकास की अवधारणा दी, जबकि वर्तमान सरकार रोजगार विहीन विकास की दिशा में जा रही है, इसके बारे में भी मनमोहन सिंह ने समय रहते चेताया था.
वहीं, “यूपी अभी 100 फीसदी सुरक्षित नहीं, लेकिन कोशिश जारी”, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस बयान पर राजपूत ने कहा कि राज्य में महिलाएं और बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. उन्हें कहना चाहिए कि यूपी 95 प्रतिशत असुरक्षित और 5 प्रतिशत सुरक्षित, एनसीआरबी के आंकड़े इसके प्रमाण हैं. मैं आनंदीबेन जी को उनके बयान के लिए बधाई देता हूं, क्योंकि उन्होंने सच बोला, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह इस बयान से पलटेंगी नहीं.
विश्व हिंदू परिषद को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की बी टीम बताया. बोले, वह देश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. तिरुपति और वैष्णो देवी जैसे मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की बात करना, महज एक योजना है ताकि इन धार्मिक संस्थाओं का फायदा कुछ विशेष लोग उठा सकें. यह देश की धार्मिक एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है और इसका हर कीमत पर विरोध किया जाएगा.
तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई द्वारा किए गए बयान “खुद को 6 कोड़े मारूंगा, डीएमके को सत्ता से हटाने तक चप्पल नहीं पहनूंगा” पर सुरेन्द्र राजपूत ने कहा, “अब अन्नामलाई को शायद अपनी पूरी जिंदगी नंगे पैर चलना पड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी संविधान और आरक्षण के खिलाफ है और उनकी साम्प्रदायिक राजनीति तमिलनाडु में कभी नहीं फैल सकेगी. तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जहां सभी लोग समाज के प्रति समानता और सम्मान से रहते हैं. भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति तमिलनाडु में कोई प्रभाव नहीं डाल सकती, क्योंकि यहां की जनता ने हमेशा सामाजिक समानता की पक्षधरता की है और यह राज्य हमेशा एकता और भाईचारे का प्रतीक बना रहेगा.”
–
पीएसके/केआर