लखनऊ, 26 दिसंबर . योगी सरकार की तरफ से दिव्य-भव्य महाकुंभ-2025 में पर्यटन विभाग लगभग 5 एकड़ में उत्तर प्रदेश स्टेट पवेलियन की स्थापना करेगा. पर्यटक यहां प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों सहित अन्य आकर्षणों की झलक देख सकेंगे. हस्तशिल्प बाजार और सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित कई अन्य आयोजन भी होंगे. पवेलियन में लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध हस्तशिल्प बाजार सजाया जाएगा. इसके अलावा धार्मिक स्थलों की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी.
महाकुंभ क्षेत्र सेक्टर-7 नागवासुकि मंदिर के समीप लगभग पांच एकड़ क्षेत्र में उत्तर प्रदेश स्टेट पवेलियन का निर्माण हो रहा है. यहां उत्तर प्रदेश के 12 प्रमुख सर्किटों-रामायण सर्किट, कृष्ण ब्रज सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, जैन सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, वाइल्ड लाइफ एवं ईको सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट के महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शाया जाएगा.
साथ ही, 15,000 स्क्वायर फीट के वृहद मानचित्र पर थ्री-डी तकनीक के माध्यम से अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, कुशीनगर, सारनाथ, नैमिषारण्य सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शाया जाएगा. इन स्थलों के महात्म्य के बारे में बताया जाएगा.
योगी सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अपनी विशिष्टता है. धार्मिक-आध्यात्मिक, प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के साथ-साथ यहां के व्यंजन, हस्तशिल्प, गीत और नृत्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. महाकुंभ-2025 में लगभग 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं. इन्हें प्रदेश की प्रसिद्ध विरासत से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रत्येक जिले के ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) के लिए 75 स्टॉल लगाए जाएंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तीन मंच बनाए जाएंगे. खानपान के 20 से अधिक स्टॉल लगेंगे, जहां स्थानीय के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों के व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे. पवेलियन में अलग-अलग सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे, जहां पर्यटक सेल्फी ले सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अबकी बार का महाकुंभ पारंपरिक महाकुंभ से कुछ अलग होगा. इसमें सुरक्षा के साथ साफ-सफाई एवं नए उपकरणों से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुंभ-2025 को भारत की सांस्कृतिक विविधिता, एकता, अध्यात्म को विश्व पटल पर पहुंचाना चाहते हैं.
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