नई दिल्ली, 25 दिसंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद बाद हर साल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जाता है. यह दिन सिखों के दसवें गुरु- गुरु गोबिंद सिंह जी के चार वीर पुत्रों के अद्वितीय बलिदान और साहस के प्रति सम्मान जताने के लिए मनाया जाता है. गुरुवार को भारत मंडपम में वीर बाल दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 में यह घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. पीएम की इस घोषणा के बाद से सिख समुदाय में खुशी की लहर है.
‘वीर बाल दिवस’ पर अमृतसर की एक सिख महिला ने बताया कि हम पीएम मोदी का आभार जताते हैं कि जिन्होंने इस दिन को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की. इससे दुनिया को, खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, बहादुर साहिबजादों की उनकी वीरता और उनके बलिदान के बारे में पता चलेगा.
पंचकुला में डॉ. एसपी लदाद ने बताया कि ‘वीर बाल दिवस’ बहुत महत्वपूर्ण है. हर बच्चे को इसके बारे में पता होना चाहिए.
चंडीगढ़ गुरुद्वारा नाडा साहिब के हेड ग्रंथी जगजीत सिंह ने बताया कि साहिबजादों ने बहुत बड़ा बलिदान दिया. अपनी कम उम्र के बावजूद, उन्होंने सदियों से चले आ रहे मुगल शासन की नींव हिला दी. हम सरकार को उनके बलिदान को इतने महत्वपूर्ण स्तर पर मान्यता देने के लिए धन्यवाद देते हैं. हालांकि, शहीदी दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना चाहिए, क्योंकि उनका बलिदान हम सभी के लिए बहुत बड़ा था.
पटना गुरुद्वारा के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही ने बताया कि 26 दिसंबर को देश भर में ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जाएगा. दुनिया भर में उनके बलिदान को याद किया जा रहा है.
दीपक सिंह ने कहा है मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं, जिन्होंने पूरे देश में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की पहल की है, इससे यह सुनिश्चित हो सके कि गुरु गोबिंद सिंह जी के वीर युवा पुत्रों का इतिहास भारत के कोने-कोने तक पहुंचे. आज देश का हर बच्चा गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और उनके चार पुत्रों के बारे में जान रहा है, जिन्होंने धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. प्रधानमंत्री मोदी इसे बढ़ावा देने में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. इसके सम्मान में हम 26 दिसंबर को श्री गुरु तेग बहादुर अकादमी हॉल में ‘वीर बाल दिवस’ मनाएंगे और जहां भी संभव होगा जागरूकता फैलाएंगे.
बाबू सिंह ने बताया कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, सिख समुदाय के प्रति उनकी उदारता स्पष्ट रूप से देखने को मिली है. गुरु गोविंद सिंह जी के चार चार साहिबजादों का उत्सव उनके प्रयासों का प्रतिबिंब है. उन्होंने उनके इतिहास और संदेश को लोगों तक पहुंचाने में बेहतरीन काम किया है. आज यह संदेश सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है.
फिरोजपुर में ‘वीर बाल दिवस’ को लेकर बलविंदर सिंह ने बताया कि हर साल 26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को सम्मान देने के लिए ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जाता है. अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह, ये चारों गुरु गोविंद सिंह जी के बेटे थे और उनके सम्मान में ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जाता है.
पंचकूला में ‘वीर बाल दिवस’ को लेकर डॉ. गगन दीप सिंह धामी ने कहा है कि पाठ्यक्रम में भारत के लिए किए गए बलिदानों को शामिल करने की केंद्र सरकार की पहल की सराहना की. सरकार द्वारा उठाया गया यह बहुत अच्छा कदम है, क्योंकि यह हमारी जड़ है, भारत की नींव है. हमारी रक्षा करने वालों को याद रखना और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. सरकार जागरूकता फैला रही है, और हम भी हमें बचाने के लिए किए गए बलिदानों के बारे में याद दिलाना चाहते हैं. अगली पीढ़ी के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत कैसे बचा और यह सब कैसे शुरू हुआ.
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डीकेएम/