स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से समुदायों को सशक्त बना रहा राष्ट्रीय आयुष मिशन

नई दिल्ली, 25 दिसंबर . केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव के मुताबिक राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) ने पारम्परिक चिकित्सा पद्धति को सर्वसुलभ बनाया है.

मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से “आयुष फॉर ऑल: नेशनल आयुष मिशन के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य सेवा” नामक एक फिल्म सीरीज का अनावरण करते हुए कही. सीरीज में में राष्ट्रीय आयुष मिशन की उल्लेखनीय प्रगति और परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित किया गया है.

जाधव ने कहा, “इस फिल्म के जरिए हम जनता को अपनी विभिन्न योजनाओं से रूबरू कराना चाहते हैं. इसका मकसद बीमारियों के बोझ को कम करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने में आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी देना है.”

यह सीरीज वास्तविक जीवन की कहानियों पर प्रकाश डालती है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ मिलकर ग्रामीण और वंचित आबादी के बीच पहुंचती है. सुधार किया है और जेब से होने वाले खर्च को कम किया है.

मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को शक्ति प्रदान करना, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) के माध्यम से प्रिवेंटिव केयर को बढ़ावा देना और आयुष प्रणालियों को मुख्यधारा के सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ना है.

राष्ट्रीय आयुष मिशन शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आयुष शैक्षणिक संस्थानों के विकास पर भी जोर देता है. इसके अलावा, इस योजना ने 167 एकीकृत आयुष अस्पतालों की स्थापना का समर्थन किया है और 416 आयुष अस्पतालों और 5036 औषधालयों को उन्नत किया है.

हर साल 996 अस्पतालों और 12,405 औषधालयों को आवश्यक आयुष दवाइयां उपलब्ध कराई गईं. राष्ट्रीय आयुष मिशन ने 16 नए आयुष शैक्षणिक संस्थानों का भी समर्थन किया और 112 अन्य को उन्नत किया.

मंत्रालय के अनुसार, इसके अतिरिक्त, 3,883 योग कल्याण केंद्र, 1,055 आयुष ग्राम और 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) स्थापित किए गए, जिससे देश भर में समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला.

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा के अनुसार, एनएएम आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) की स्थापना करने पर केंद्रित है.

उन्होंने कहा, “ये पहल सार्वजनिक स्वास्थ्य को बदल रही है और पूरे देश में निवारक और प्रोत्साहन देखभाल तक पहुंच में सुधार कर रही हैं.”

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एमकेएस/केआर