मुंबई, 24 दिसंबर . ‘फालतू’, ‘रंगरेज’, ‘मित्रों’ और अन्य फिल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता-निर्माता जैकी भगनानी ने कहा है कि जमीन से जुड़े रहने और आशावादी बने रहने के लिए वह लोगों में अच्छाई देखना पसंद करते हैं.
अभिनेता ने पौराणिक कथाओं का हवाला देते हुए दुनिया में हो रही घटनाओं की तुलना ‘कलयुग’ से की. उन्होंने दर्शकों को याद दिलाया कि कलियुग ‘अंधकार का युग’ है, जब दुनिया में दर्द, दुख, झगड़े और पाखंड हावी होते हैं.
उन्होंने कहा, “जीवन के हर क्षेत्र में अच्छाई और बुराई एक साथ मौजूद है. यह आप पर निर्भर करता है कि आप गिलास को आधा खाली या आधा भरा हुआ देखना चाहते हैं, क्योंकि दोनों ही वास्तविकताएं हैं. अगर आप स्कीइंग कर रहे हैं और लगातार पेड़ों को देख रहे हैं, तो आप उनसे टकरा जाएंगे. लेकिन अगर आप आगे के रास्ते पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप इसे आसानी से नेविगेट कर लेंगे.”
जैकी के लिए वर्तमान में जीवन का अधिकतम लाभ उठाना और बाधाओं के बारे में न सोचना जीवन की चुनौतियों पर काबू पाने की कुंजी है.
अपनी व्यक्तिगत यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने अपने परिवार को उनमें लचीलापन और आशावाद पैदा करने का श्रेय दिया.
उन्होंने कहा, “मैंने अपने परिवार को असफलताओं के बाद उठते और जीतते देखा है. मैं लोगों में अच्छाई देखना चुनता हूं क्योंकि यह मुझे जमीन से जुड़ा रखता है. हर किसी की अपनी यात्रा होती है. मैं जागना चाहता हूं, दुनिया की सुंदरता देखना चाहता हूं. मैं इसी तरह अपना जीवन जीना चाहता हूं.”
जब उनसे उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो जैकी ने कहा, “मैं नए प्रोजेक्ट्स की झड़ी लगा रहा हूं और नए साल में मैं इंडस्ट्री को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहूंगा, जिसने मुझे कई सकारात्मक सबक सिखाए हैं.”
इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया के दौर पर बात की थी. उन्होंने कहा कि समय के साथ सोशल मीडिया धारणा को हकीकत में बदल देती है.
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एमकेएस/