नई दिल्ली, 23 दिसंबर . स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल के साथ 59 प्रतिशत यूजर्स ने अगले वर्ष जेन एआई-इनेबल्ड स्मार्टफोन खरीदने की योजना बनाई है. यह ट्रेंड सबसे ज्यादा अमेरिका में देखा जाएगा, जिसके बाद जर्मनी और फ्रांस में ट्रेंड फॉलो किया जाएगा. सोमवार को एक ग्लोबल सर्वे में यह जानकारी सामने आई.
परिणामों के अनुसार, उत्तरी अमेरिका में 72 प्रतिशत यूजर्स जेनएआई को लेकर जागरुक हैं. वहीं, जापान की इस मामले में केवल 7 प्रतिशत की ही भागीदारी है.
काउंटरपॉइंट के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने कहा, “पर्सनल, प्रोफेशनल और एजुकेशनल एप्लिकेशन में अपनी पहुंच और बहुमुखी प्रतिभा के कारण जेनएआई ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है. रोजमर्रा के टास्क जैसे राइटिंग असिस्टेंस, डॉक्यूमेंट एडिटिंग और रिसर्च को आसान बनाने के साथ एआई एक अमूल्य टूल बन गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “इस्तेमाल में आसानी और सत्यापन योग्य आउटपुट की वजह से एआई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल राइटिंग असिस्टेंस के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा, एआई का इस्तेमाल इमेज जनरेशन और वॉइस असिस्टेंट के लिए भी लोकप्रिय बना हुआ है.”
32 प्रतिशत रेस्पोडेंट्स को मुख्य रूप से चैटबॉट और सर्च इंजन के जरिए जनरेटिव एआई के बारे में पता है, जागरूक यूजर्स में से 73 प्रतिशत ने अपने स्मार्टफोन पर जेन एआई का इस्तेमाल किया है, जो जागरूकता और मुद्रीकरण के अवसरों को बढ़ाने में डिवाइस की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है.
सर्वे से पता चला कि लगभग 69 प्रतिशत यूजर्स समय बचाने वाली क्षमताओं के लिए जेनएआई को महत्व देते हैं और 59 प्रतिशत सितंबर 2025 तक जेनएआई स्मार्टफोन पर स्विच करने के लिए तैयार हैं, जिसमें अमेरिका सबसे आगे है.
दो-तिहाई से ज्यादा रेस्पोडेंट्स जेनएआई-सक्षम स्मार्टफोन के लिए अतिरिक्त भुगतान करने के लिए तैयार हैं.
काउंटरपॉइंट के एक शोध निदेशक मोहित अग्रवाल ने कहा कि कई यूजर्स अभी भी ऑन-डिवाइस जेनएआई के लाभों से अनजान हैं.
उन्होंने कहा, “जेनएआई-इनेबल्ड स्मार्टफोन के लिए सर्वे में केवल 19 प्रतिशत यूजर्स प्रीमियम के लिए पे करने को तैयार हैं. इसलिए स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स को कम कीमत वाले एंट्री मॉडल अपनाने और अलटरनेटिव रेवेन्यू स्ट्रीम जैसे मॉनेटाइजेशन एप्लीकेशन या डेवलपर्स को एलएलएम सर्विस प्रदान करने की जरूरत होगी.”
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एसकेटी/एबीएम