मुंबई, 23 दिसंबर . फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया ने मीडिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर अपनी राय साझा की. ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ फिल्म की निर्माता-निर्देशक का मानना है कि मीडिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सीमित है.
फिल्म निर्माता ने कहा कि सिनेमा और मीडिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सीमित है और अक्सर पुरुष की नजर से आकार लेता है.
उन्होंने कहा, “मीडिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सीमाओं में बंधा है. वैक्स के विज्ञापन जैसी साधारण चीज में भी महिलाओं को बिना बालों के दिखाया जाता है, जो समाज द्वारा निर्धारित अवास्तविक मानकों को दिखाता है.”
कपाड़िया ने कहा, “मेरी फिल्म में हम इससे दूर हटना चाहते थे और बस खुद को प्रामाणिक और रोजमर्रा की जिंदगी में हम जैसे हैं, वैसे ही बने रहना चाहते थे. फर्क पड़ता है कि किसकी नजर कहानी के केंद्र में है. उदाहरण के लिए, जब आप शहर में अनु को देखते हैं, तो सब कुछ रोमांटिक और मनोरम लगता है. लेकिन, जब वहां पर प्रभा होती है, तो यह सामान्य होता है, क्योंकि लेंस सब कुछ बदल देता है.”
पायल कपाड़िया को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए क्रिटिक्स चॉइस अवॉर्ड में नामांकन और मोशन पिक्चर में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए गोल्डन ग्लोब नामांकन मिला, जिससे वह इस श्रेणी में नामांकित होने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं.
फिल्म ने लॉस एंजिल्स फिल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन से सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा में फिल्म का पुरस्कार भी जीता.
कनी कुसरुति, दिव्या प्रभा और छाया कदम स्टारर ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ फिल्म व्यक्तित्व, महिलाओं की दोस्ती और पुरुष के नजरिए के साथ ही पितृसत्ता के खिलाफ संघर्ष के विषयों पर भी करारा चोट करती है. इसे समकालीन भारतीय सिनेमा का एक मजबूत पक्ष भी कहा जा सकता है.
‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ फिल्म फ्रांस की पेटिट कैओस और भारत की चॉक एंड चीज एंड अदर बर्थ के बीच इंडो-फ्रेंच सह-निर्माण है.
पायल ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ के लिए 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स भी अपने नाम कर चुकी हैं.
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एमटी/एबीएम