दिल्ली : ‘महिला सम्मान योजना’, ‘संजीवनी योजना’ के लिए पंजीकरण शुरू

नई दिल्ली, 23 दिसंबर . आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ‘महिला सम्मान योजना’ और ‘संजीवनी योजना’ का शुभारंभ किया. साथ ही साथ इनके लिए पंजीकरण शुरू हो गया है और इसका कार्ड भी मिल गया है.

‘महिला सम्मान योजना’ में दिल्ली की हर महिला को हर महीने 2,100 रुपये मिलेंगे. ‘संजीवनी योजना’ के तहत दिल्ली के बुजुर्गों को सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा और इसके लिए कोई सीमा नहीं होगी. अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा, “मैंने पहले भी अपनी गारंटियां पूरी की हैं और इन्हें भी पूरी करूंगा.”

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह पीला कार्ड महिलाओं के लिए हैं जिनसे उन्हें ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत 2,100 रुपये मिलेंगे. भाजपा झूठ बोल रही है, बहका रही है. जब मैंने 2015 में कहा था कि हमारी सरकार आएगी तो बिजली मुफ्त करूंगा तो भाजपा वाले उस वक्त भी यही बातें बोलते थे और मैंने बिजली मुफ्त करके दिखाई. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पानी और बसों में महिलाओं का किराया भी मुफ्त करके दिखाया. इसी तरह वह महिलाओं को 2,100 रुपये भी देंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए कहीं से भी बजट लाएं, यह उनकी जिम्मेदारी है.

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले ‘महिला सम्मान योजना’ का लाभ मिलने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई एजेंडा नहीं है, कोई प्लानिंग नहीं है. वे दिल्ली के लोगों को बताएं कि पांच साल में दिल्ली के लिए बीजेपी वालों ने क्या किया है.

उन्होंने कहा, “दिल्ली में दो सरकारें हैं. आधी सरकार आम आदमी पार्टा की है. आधी सरकार बीजेपी की है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिजली, पानी, महिलाओं का सफर, सड़कें, सीवर का काफी काम किया है. लेकिन भाजपा ने क्या काम किया. पूरी दिल्ली की कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है, गैंगस्टर खुलेआम घूम रहे हैं, गोलियां चल रही हैं. दिल्ली के अंदर एक ही काम दिया था वह भी नहीं किया.”

आप संयोजक ने कहा कि भाजपा के सांसदों ने कोई काम नहीं किया. अब चुनाव से पहले “कभी चार्जशीट निकालते हैं, कभी मुझे गालियां देते हैं”. इनका एक ही मेनिफेस्टो है – केजरीवाल को गाली देना.

उन्होंने सवाल किया कि क्या गालियों से दिल्ली का विकास हो सकता है. उन्होंने लोगों से कहा, “आज मैं आपसे वोट मांगने आया हूं. अपने काम के नाम पर मांग रहा हूं कि पांच साल में मैंने क्या काम किए. मैं यह गिना रहा हूं कि अगले पांच साल में क्या काम करूंगा. इनके पास न सीएम का चेहरा है, न दिल्ली के लिए कोई एजेंडा है.”

पीकेटी/एकेजे