गीता और रामायण का अध्ययन करना हर व्यक्ति के लिए लाभकारी : संजय सेठ

रांची, 23 दिसंबर . रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने सोमवार को से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कवि कुमार विश्वास के हालिया बयान ‘घर का नाम ‘रामायण’, लक्ष्मी कोई और उठा ले गया’ पर मचे बवाल पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की की घटना पर भी अपनी राय रखी.

संजय सेठ ने कहा कि कुमार विश्वास ने क्या कहा है, वह नहीं जानते हैं. लेकिन, उनके अनुसार धार्मिक ग्रंथों जैसे गीता और रामायण का अध्ययन करना हर व्यक्ति के लिए लाभकारी है. मैं मानता हूं कि रामायण और गीता पढ़नी चाहिए. क्यों नहीं पढ़ें? मैं तो मानता हूं कि अगर आप गीता और रामायण पढ़ेंगे, तो आपके अंदर की बुरी भावनाएं बाहर निकलेंगी और आप जीवन में अच्छाई की ओर बढ़ेंगे.

उन्होंने कहा कि दोनों पवित्र ग्रंथ हैं और विश्वास ने जो कहा है, वह सही कहा है. आपको इन धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन को सही दिशा मिलती है. मैं खुद भी समय निकालकर इन्हें पढ़ता हूं. भारत में रहने वाले लोगों को गीता और रामायण का अध्ययन जरूर करना चाहिए. मैं किसी भी धार्मिक पुस्तक का विरोध नहीं करता, बल्कि, मेरा मानना है कि इन किताबों का अध्ययन व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है.

संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि जब मैं सुबह 10:50 बजे संसद में मकर गेट से अंदर जा रहा था, तो मैंने देखा कि इंडी गठबंधन के लोग धरना दे रहे थे. यह वहां का सामान्य नियम है. लेकिन, उस दिन राहुल गांधी का व्यवहार बाउंसर की भूमिका में था. यह सारा कुछ पहले से प्लांटेड था ताकि यदि एनडीए गठबंधन के सांसदों से कोई छेड़छाड़ होती है, तो एक न्यूज बने.

संजय सेठ ने आगे कहा कि राहुल गांधी के समर्थकों ने उनके एक सांसद मुकेश राजपूत को गिरा दिया और एक आदिवासी महिला के साथ दुर्व्यवहार किया. राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए. उनके इस कृत्य से देश शर्मसार हुआ है. यही कारण है कि देश ने उन्हें तीसरी बार किनारे बैठाया है. आप ऐसे ही आगामी 20-25 वर्षों तक किनारे बैठे रहेंगे, क्योंकि आपने लोकतंत्र, लोक और लाज का अपमान किया है.

पीएसके/एबीएम