नई दिल्ली, 21 दिसंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को गुजरात के प्रसिद्ध रण उत्सव में आमंत्रित किया है, जो मार्च 2025 तक चलेगा.
एडवेंचर लवर्स के लिए एक कभी नहीं भूलने वाले अनुभव का वादा करते हुए, पीएम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कच्छ की सुंदरता से भरा एक वीडियो पोस्ट के साथ संलग्न किया और लिखा, “कच्छ का ‘रण उत्सव’ आप सभी का इंतजार कर रहा है! आइए, ‘रण उत्सव’ के दौरान संस्कृति, इतिहास और लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के अनूठे मिश्रण में डूब जाएं!
उन्होंने लिखा, “मार्च 2025 तक चलने वाला यह उत्सव आपके और आपके परिवार के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव देने का वादा करता है.”
लिंक्डइन पर एक अलग पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, “व्हाइट रण इशारा करता है! एक अविस्मरणीय अनुभव आपका इंतजार कर रहा है! आइए, संस्कृति, इतिहास और लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के अनूठे मिश्रण में खुद को डुबो दें!”
उनकी कच्छ यात्रा की तस्वीरें संलग्न करने के अलावा, पोस्ट में “रण उत्सव – एक जीवन भर का अनुभव” शीर्षक से एक लेख भी शामिल है.
उन्होंने लिखा, ”भारत के सबसे पश्चिमी छोर पर कच्छ है, जो जीवंत विरासत वाली एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली भूमि है. कच्छ प्रतिष्ठित सफेद रण का घर है, एक विशाल नमक की तरह सफेद रेत वाला रेगिस्तान जो चांदनी में चमकता है, जो एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है. कच्छ अपनी समृद्ध कला और शिल्प के लिए भी समान रूप से जाना जाता है. इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सबसे मेहमाननवाज लोगों का घर है, जो अपनी जड़ों पर गर्व करते हैं और दुनिया के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हैं.”
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ”हर साल, कच्छ के लोग प्रतिष्ठित रण उत्सव के लिए अपने दरवाजे खोलते हैं- जो क्षेत्र की विशिष्टता, लुभावनी सुंदरता और स्थायी भावना का चार महीने तक चलने वाला जीवंत उत्सव है.”
पीएम मोदी ने आगे लिखा “इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आप सभी लोगों, कड़ी मेहनत करने वाले पेशेवरों और आपके परिवारों को कच्छ आने और रण उत्सव का आनंद लेने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दे रहा हूं. इस साल का रण उत्सव, जो 1 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ, 28 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस रण उत्सव में टेंट सिटी मार्च 2025 तक खुली रहेगी. मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि रण उत्सव जीवन भर का अनुभव होगा.”
2005 में, रण उत्सव की शुरुआत हुई. यह अब एक जीवंत पर्यटन का केंद्र बन गया है. रण उत्सव को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
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जीकेटी/एएस