झारखंड में 15 दिनों के भीतर पुलिस ने 100 एकड़ से ज्यादा अफीम की खेती की नष्ट

रांची, 20 दिसंबर . झारखंड में पुलिस अफीम की खेती के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है. पिछले 15 दिनों के दौरान करीब 100 एकड़ से ज्यादा इलाके में पोस्ते की फसल नष्ट की गई है. शुक्रवार को लातेहार जिले के बारियातू थाना क्षेत्र में लगभग दस एकड़ में लगाई गई पोस्ते की खेती को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया गया.

जिले के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरन को गुरुवे और खोरा गांव में नदी के पास वन भूमि में पोस्ते की फसल उगाए जाने की सूचना मिली थी. उनके निर्देश पर बारियातू थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम लाव-लश्कर के साथ इलाके में पहुंची और फसल को नष्ट कर दिया.

थाना प्रभारी ने बताया कि नशे की खेती करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 17 दिसंबर को रांची के राहे थाना अंतर्गत फुलवार, बहराबेड़ा, कपिडीह गांव के जंगल में लगभग 7 एकड़ और 15 दिसंबर को तमाड़ थाना क्षेत्र के दशम फॉल इलाके में करीब दो एकड़ में तैयार की जा रही अफीम की फसल को पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर रौंद डाला था.

16 दिसंबर को हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र में जंगल से सटे गांव मोरेनिया और दुरागड़ा में पुलिस ने 25 एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया था. यह इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी. हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि यह अभियान पुलिस और वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से चलाया.

दिसंबर के पहले और दूसरे हफ्ते में खूंटी जिले में करीब 20 एकड़ में अफीम की खेती रौंदी गई है. खूंटी थाना क्षेत्र के ओंड्रा, मारंगहातू, सायको, अड़की थाना क्षेत्र के भुरुसुडीह, धोबा कदमडीह एवं जोरको और मुरहू थाना क्षेत्र के केवड़ा एवं बागमा गांव में कार्रवाई की गई.

इसी तरह पलामू और चतरा जिले में भी अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चलाया गया है. पुलिस अब अफीम की खेती का पता लगाने के लिए सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल कर रही है. राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर इस अवैध धंधे के खिलाफ ‘नो टॉलरेंस पॉलिसी’ के आधार पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है.

इसे लेकर पिछले हफ्ते डीजीपी ने चतरा में वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी. सीआईडी मुख्यालय ने सभी जिलों से एक्शन प्लान के आधार पर कार्रवाई की साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी है.

एसएनसी/एबीएम