मंगोलिया : राजधानी उलानबटोर में वायु प्रदूषण के खिलाफ सरकार की तैयारी तेज

उलानबटोर, 20 दिसंबर . मंगोलियाई सरकार ने देश की राजधानी उलानबटोर में गंभीर वायु प्रदूषण, यातायात भीड़ और अन्य गंभीर मुद्दों के मद्देनजर शुक्रवार को तैयारियों को बढ़ा दिया है.

मंगोलिया के प्रधानमंत्री लुवसन्नामराय ओयुन-एर्डीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें स्वीकार करना चाहिए कि उलानबटोर अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें गंभीर वायु प्रदूषण, यातायात की भीड़ और ऊर्जा की कमी शामिल है. ये मुद्दे एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गए हैं. इस कारण आज से राजधानी को हाई अलर्ट पर रख रहे हैं.”

ओयुन-एर्डीन ने राजधानी के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए एक विशेष कानूनी ढांचा बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को एक जरूरी मामले के रूप में स्टेट ग्रेट खुराल (मंगोलिया की संसद) के सामने प्रस्तुत करना उचित होगा.

प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों और संगठनों से इन ज्वलंत समस्याओं के समाधान के ल‍िए सरकार के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने का आह्वान किया.

उलानबटोर को मूल रूप से 5,00,000 निवासियों के लिए बनाया गया था. लेक‍िन, अब इस शहर में देश की 35 लाख की आबादी का लगभग आधा हिस्सा है.

उलानबटोर के आधे से ज़्यादा निवासी इसके गेर जिलों में रहते हैं, जहां कोई बहता पानी, केंद्रीय हीटिंग या सीवरेज सिस्टम नहीं है.

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोसेस्ड फ्यूल-आधारित हीटिंग के कारण बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने राजधानी शहर में सार्वजनिक चिंता को बढ़ा द‍िया है.

शहर के गेर जिलों और केंद्रीय क्षेत्रों दोनों में पीएम 2.5 का स्तर बहुत अध‍िक है. यह सर्दियों के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित सुरक्षा सीमाओं से ज़्यादा है.

वायु प्रदूषण के अलावा, यातायात की भीड़ उलानबटोर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बनी हुई है. शहर में वर्तमान में 7,20,000 पंजीकृत वाहन हैं.

मंगोलिया में सर्दियों के दौरान बिजली की इतनी गंभीर कमी होती है कि राजधानी को पूरी तरह से ब्लैकआउट होने के जोखिम को रोकने के लिए बिजली राशनिंग उपायों को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. हाल के दिनों में, उलानबटोर ने जिलों और दिन के समय के अनुसार बिजली को सीमित करने के उपाय लागू किए हैं.

एससीएच/