इंसेक्ट फ्री महाकुंभ : वेक्टर कंट्रोल यूनिट तैनात, श्रद्धालुओं को मच्छर और मक्खियों से मिलेगी निजात

महाकुंभनगर, 19 दिसंबर . महाकुंभ-2025 में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महाकुंभ को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने के लिए बेहद खास इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मेला क्षेत्र को इंसेक्ट फ्री (मच्छर-मक्खी मुक्त) रखने के लिए वेक्टर कंट्रोल यूनिट को तैनात किया गया है.

वेक्टर कंट्रोल यूनिट वेल प्लान्ड तरीके से महाकुंभ नगर के चप्पे-चप्पे को इंसेक्ट फ्री बनाने का काम करेगी, जिससे श्रद्धालुओं को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाया जा सकेगा, जो मच्छरों के काटने से होती हैं. इसके साथ ही, मक्खियों के कारण होने वाली अनहाईजीनिक समस्याओं और बीमारियों से भी निजात मिल सकेगी.

महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए योगी सरकार कई अहम पहल कर रही है. वेक्टर कंट्रोल यूनिट का गठन इसी का एक उदाहरण है. वेक्टर कंट्रोल यूनिट के द्वारा मेले में व्यापक स्तर पर सैनिटाइजेशन किए जाने की तैयारी है.

महाकुंभ के नोडल जॉइंट डायरेक्टर (वेक्टर कंट्रोल) डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान चप्पे-चप्पे पर कीटनाशक का छिड़काव किए जाने की तैयारी है. मेला क्षेत्र को 5 जोन में बांटा गया है. हर जोन में 5 सेक्टर हैं. कुल मिलाकर हमारे पास 25 सेक्टर हैं. प्रत्येक सेक्टर का इंचार्ज असिस्टेंट मलेरिया ऑफिसर (एएमओ) होगा. सभी सेक्टर्स में कुल मिलाकर 35 सैनिटेशन सर्किल हैं. प्रत्येक सर्किल में हमारे मलेरिया इंस्पेक्टर रहेंगे, जो मौके पर रहकर वर्कर्स के माध्यम से स्प्रे गतिविधियों को संचालित कराएंगे.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक जोन में एक सब स्टोर है, जहां पर तीन दिन का स्टॉक होगा और यहां से अलग-अलग सर्किल को कीटनाशक उपलब्ध होता रहेगा. इसके अतिरिक्त डिस्ट्रिब्यूशन के लिए 25 मैजिक गाड़ियां हायर की गई हैं. हर सेक्टर में एक गाड़ी रहेगी, जिसका उद्देश्य कीटनाशक पहुंचाने के साथ ही मेला क्षेत्र में मुआयना करने का होगा. इस गाड़ी में दो वर्कर और एक सुपरवाइजर रहेंगे. यही टीम इस दफा पहली बार मेला क्षेत्र में पार्किंग स्थलों में भी छिड़काव करेगी. सरकार ने इस बार पार्किंग स्थलों में भी शौचालय वगैरह की सुविधा प्रदान की है. इन स्थानों पर कीटनाशकों का छिड़काव महत्वपूर्ण है, जिसके लिए हम अपने स्टाफ को मोबिलिटी प्रदान कर रहे हैं.

वेक्टर कंट्रोल के असिस्टेंट नोडल और डीएमओ डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बताया कि मेला की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राना के निर्देश पर इस बार हमने इमरजेंसी प्लान भी तैयार किया है. इसके लिए हमने 45 वर्कर्स की टीम तैयार की है, जो 15-15 वर्कर्स के रूप में प्रत्येक शिफ्ट में अलग-अलग जोन में मौजूद रहेंगे. यह स्टोर के काम में लगेंगे, लेकिन इमरजेंसी की स्थिति में बाकी टीमों को डिस्टर्ब किए बिना इन्हें एक्टिव कर दिया जाएगा और ये मौके पर जाकर स्थिति को काबू करने का प्रयास करेंगे. इन सभी वर्कर्स को इमरजेंसी में मशीनें संचालित करने की खास ट्रेनिंग दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि महाकुंभ की एक किमी की परिधि में 150 वर्कर्स काम करेंगे. हमारी प्लानिंग के अनुसार मेला क्षेत्र के एक किमी के दायरे में जहां आबादी है, वहां भी छिड़काव कराया जा रहा है, क्योंकि अमूमन मच्छर एक से दो किमी तक उड़कर आ जाता है. पेरीफेरी के सात जोन बनाए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर इन वर्कर्स को भी मेला क्षेत्र में बुलाया जा सकता है. पेरीफेरी क्षेत्र में 15 नवंबर से स्प्रे और एंटी लार्वा के छिड़काव का कार्य जारी है.

उन्होंने बताया कि वेक्टर कंट्रोल का जोन सेक्टर 2 में स्थापित किया गया है. इस क्षेत्र में जो कर्मचारी बाहर से आ रहे हैं, उनको वहां रुकवाया जा रहा है. जब उनके टेंट की व्यवस्था उनके क्षेत्र में हो जाएगी तब उन्हें वहां शिफ्ट किया जाएगा. अभी करीब 100 डेली वर्कर्स काम कर रहे हैं. जल्द ही यह संख्या 150 हो जाएगी, जबकि एक जनवरी से 550 वर्कर्स और 11 जनवरी से लगभग 900 डेली वेजेस वर्कर्स पूरे मेला के दौरान अलग-अलग सेक्टर में काम करेंगे.

उन्होंने बताया कि अलग-अलग जनपदों से लगभग 250 परमानेंट स्टाफ मांगे गए हैं. यह डेली वेजेस वर्कर्स का सुपरविजन करेंगे. 45 मलेरिया इंस्पेक्टर, 28 असिस्टेंट मलेरिया इंस्पेक्टर, 5 डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर, 80 सुपरवाइजर, 70 ट्रेन्ड फील्ड वर्कर्स की मांग की गई है.

डॉ. आनंद कुमार सिंह के अनुसार महाकुंभ में छिड़काव और फॉगिंग करने वाले इन कर्मियों के लिए इस बार विशेष प्रबंध किए गए हैं. इन्हें पहली बार रहने और खाने की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यह व्यवस्था यहां महाकुंभ नगर में काम करने वाले हर दैनिक भोगी कर्मचारी को उपलब्ध होगी. इसका उद्देश्य यही है कि जरूरत पड़ने पर वर्कर्स उपलब्ध रहें और दूसरा उन्हें प्रतिदिन आने-जाने की जद्दोजहद से बचाना है. मेले में उनकी मौजूदगी श्रद्धालुओं को सुरक्षा का एहसास कराएगी.

एसके/एबीएम