नई दिल्ली, 19 दिसंबर . संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में इस्तेमाल किए जा रहे 99 प्रतिशत मोबाइल हैंडसेट देश में ही निर्मित किए गए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है. घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 1,90,366 करोड़ रुपये था, यह वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 9,52,000 करोड़ रुपये हो गया है.
केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “भारत अब उस स्थिति में पहुंच गया है, जहां देश में इस्तेमाल किए जा रहे करीब 99.2 प्रतिशत मोबाइल हैंडसेट घरेलू स्तर पर निर्मित होते हैं. इसी के साथ, वित्त वर्ष 2014-15 में भारत मोबाइल आयात करने वाले देशों की तुलना में अब मोबाइल निर्यातक बन गया है. पहले भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फोन का लगभग 74 प्रतिशत दूसरे देशों से आयात किया जाता था.”
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, “भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को कई कारकों की वजह से प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले लागत में कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उच्च पूंजीगत व्यय की आवश्यकता, उच्च उत्पादन अवधि, उत्पादन का स्तर, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और क्वालिटी के साथ-साथ कीमत पर ग्लोबल प्लेयर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करना शामिल है.”
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में लगभग 25 लाख रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) सृजित हुए हैं. सरकार ने सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम को मंजूरी दी है. देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ इस प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है.
इसके अलावा, देश में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी पहलों से प्रेरित होकर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस सेक्टर वित्त वर्ष 2022 में 1.46 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.
मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर कैलेंडर वर्ष 2023-2030 के बीच 26 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर से बढ़कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
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एसकेटी/एएस