2024 में रियल एस्टेट सेक्टर में पीई निवेश 32 प्रतिशत बढ़कर 4.2 अरब डॉलर रहा

मुंबई, 19 दिसंबर . भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश 2024 में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत बढ़कर 4.2 अरब डॉलर हो गया है. इसकी वजह वेयरहाउसिंग सेक्टर में मांग मजबूत होना है. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में पीई निवेश हासिल करने में वेयरहाउसिंग सेक्टर सबसे आगे रहा, जिसकी कुल निवेश में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. इसके बाद कुल निवेश में रेजिडेंशियल सेक्टर की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और ऑफिस सेक्टर की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही.

रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में रेजिडेंशियल सेक्टर में निजी इक्विटी निवेश दोगुने से अधिक बढ़ा है. इस दौरान पीई निवेश में 104 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो इस वर्ष 1.2 अरब डॉलर हो गया, जो इस क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि निवेशकों के फोकस और सेक्टर की प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है. पीई निवेश में वेयरहाउसिंग सेक्टर ने ऑफिस सेक्टर को पीछे छोड़ दिया, जिसकी 2017 से पीई निवेश में उच्चतम हिस्सेदारी थी, जो भारतीय रियल एस्टेट बाजार में वेयरहाउसिंग के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है.

मुंबई की कुल पीई निवेश में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रही है. इसकी वजह वेयरहाउसिंग में निवेश बढ़ना है. 2024 में देश की आर्थिक राजधानी में 2 अरब डॉलर का पीई निवेश आया है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2024 में मुंबई में आये कुल पीई निवेश में से 74 प्रतिशत वेयरहाउसिंग सेक्टर में आया है. इसकी वैल्यू 1.5 अरब डॉलर रही है. वहीं, शहर में रेजिडेंशियल सेक्टर में 406 मिलियन डॉलर का पीई निवेश हुआ है. 2024 में बेंगलुरु को कुल 833 मिलियन डॉलर का पीई निवेश प्राप्त हुआ. इनमें से लगभग 52 प्रतिशत या 430 मिलियन डॉलर निवेश ऑफिस सेक्टर में आया है., जबकि शेष 48 प्रतिशत या 403 मिलियन डॉलर का निवेश रेजिडेंशियल सेक्टर में आया है.

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “भारत में पिछले एक दशक में निवेश में बढ़त हुई है. इसकी वजह आर्थिक स्थिरता और लगातार हो रही ग्रोथ है. ई-कॉमर्स और थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स में वृद्धि से वेयरहाउसिंग सेक्टर में तेजी है. वहीं, बढ़ती हुई कंज्यूमर मांग का फायदा रेजिडेंशियल सेक्टर को मिल रहा है.”

एबीएस/