नई दिल्ली, 16 दिसंबर . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार से मिलकर उच्च शिक्षा प्रणाली और छात्रों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में अभाविप ने छात्रवृत्ति, फेलोशिप, प्रवेश परीक्षाओं, शिक्षा के व्यापारीकरण, छात्र संघ चुनाव और विश्वविद्यालय प्रशासन में सुधार जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है.
अभाविप ने मांग की है कि छात्रों को दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप की राशि, जो 2011 से 8,000 रुपए है, उसे तुरंत बढ़ाया जाए और राज्य विश्वविद्यालयों तक भी विस्तारित किया जाए. साथ ही यूजीसी फेलोशिप पोर्टल पर प्रमाणपत्र अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के अनुरूप छात्रवृत्तियों की संख्या में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया गया.
अभाविप ने सीयूईटी को सभी विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के रूप में लागू करने और एक समान आवेदन शुल्क सुनिश्चित करने की मांग की है. साथ में यह भी कहा कि स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों के शैक्षणिक कैलेंडर में नियमितता सुनिश्चित की जाए और प्रवेश परीक्षाओं के बढ़ते आवेदन शुल्क को नियंत्रित किया जाए. निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा के व्यापारीकरण, भ्रष्टाचार और एकाधिकार को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया.
एबीवीपी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा हर वर्ष ट्यूशन फीस बढ़ाने पर रोक लगाने और ‘ग्रेडेड स्वायत्तता’ के नाम पर दी जा रही पूर्ण वित्तीय स्वतंत्रता को वापस लेने की भी मांग की. अभाविप ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्र संघ के प्रत्यक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की अपील की. इसके साथ ही, एक राष्ट्रीय छात्र संघ अधिनियम लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि छात्र संघ और उनके चुनावों को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा सके. विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक और प्रशासनिक परिषदों में छात्रों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने की भी मांग की गई.
इसके अतिरिक्त, एबीवीपी ने परिसरों में हिंसा, उत्पीड़न और नशीले पदार्थों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया. विश्वविद्यालय परिसरों में खाली कुलपति और पूर्णकालिक रजिस्ट्रार की शीघ्र नियुक्ति की भी मांग शिक्षा मंत्रालय से करने का आह्वान किया ताकि संस्थानों की कार्यक्षमता प्रभावित नहीं हो.
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया, “यूजीसी ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए अभाविप के सभी सुझावों को छात्रहित में बताया और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया. आयोग ने कहा कि पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप शीघ्र जारी की जाएगी और फेलोशिप की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ प्रक्रियाओं को अधिक सरल और प्रभावी बनाने पर कार्य किया जाएगा. छात्रों की समस्याओं को दूर करके उन्हें एक खुशहाल और सार्थक शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना सरकार और संबंधित हितधारकों की प्राथमिकता होनी चाहिए. अभाविप ने ज्ञापन के माध्यम से छात्रों के हितों और उनके शैक्षणिक भविष्य की सुरक्षा के लिए यूजीसी से शीघ्र कदम उठाने की मांग की.”
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