चंडीगढ़, 16 दिसंबर . पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मोहित मोहिंदर ने सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब चुनाव आयुक्त के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में मोहिंदर ने पटियाला नगर निगम चुनाव में हुई कथित चुनावी गड़बड़ियों पर विरोध जताया. से बात करते हुए उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी और किसानों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर सवाल उठाए.
मोहित मोहिंदर ने से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पटियाला नगर निगम चुनाव में 60 उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी की थी. लेकिन, नामांकन की अंतिम तिथि के दिन 27 उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोक दिया गया. उनका कहना था कि इन उम्मीदवारों को या तो अवैध तरीके से नामांकन करने से रोक दिया गया या फिर उनके नामांकन पत्रों को फाड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि कुछ उम्मीदवारों के दस्तावेजों को स्क्रूटनी के दौरान खारिज कर दिया गया. इसके अलावा, कुछ उम्मीदवारों को पुलिस ने नामांकन के अंतिम दिन जबरन घर से उठा लिया और नामांकन से वंचित कर दिया.
इस मामले को लेकर पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने पंजाब चुनाव आयुक्त से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएंगे.
इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी पर किसानों के खिलाफ काम करने और उनका मनोबल तोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की किसान विरोधी नीतियों के कारण पंजाब के किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. मोहिंदर ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसान आंदोलनों को कमजोर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब के किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. राज्य सरकार की लापरवाही के कारण किसानों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है और इसके लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई के लिए किसी भी हद तक जाएंगे और इस मुद्दे को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ने का संकल्प लिया है. उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी.
उन्होंने कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे. यदि चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो उसे उजागर किया जाएगा और इस लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ा जाएगा, चाहे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक क्यों न जाना पड़े.
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