सूरत, 15 दिसंबर . केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने रविवार को कहा कि सूरत, हमेशा से अपनी टेक्सटाइल, डायमंड और सोलर पैनल इंडस्ट्री के लिए जाना गया है, लेकिन आने वाले समय में यह अपनी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए भी जाना जाएगा.
उनकी ओर यह बयान गुजरात की सेमीकंडक्टर कंपनी सुची सेमीकॉन के सूरत में पहले आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग (ओएसएटी) प्लांट के उद्घाटन के समय दिया गया.
पाटिल ने ने कहा कि भारत सरकार का फोकस देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर है. इस तरह के प्लांट आयात पर निर्भरता घटाने, रोजगार के अवसर पैदा करने और घरेलू इंडस्ट्री को मजबूत करने का काम करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि भारत ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब बनने की दिशा में परिवर्तनकारी पथ पर आगे बढ़ रहा है और सुची सेमीकॉन ओएसएटी प्लांट जैसी पहल इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
सुची सेमीकॉन का ओएसएटी प्लांट भारत की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण होगा.
30,000 वर्ग फुट के प्रारंभिक क्षेत्र वाला यह प्लांट सेमीकंडक्टर कंपोनेंट के लिए एसेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग सेवाएं प्रदान करेगा. यह ऑटोमोटिव, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन जैसे उद्योगों को सहायता प्रदान करेगा.
सुची सेमीकॉन के चेयरमैन अशोक मेहता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि देश हर सेक्टर में आत्मनिर्भर बने. इसी विजन को देखते हुए मैने यह कमद उठाया है और आज हम प्रोडक्शन स्तर पर पहुंच गए हैं. इस प्लांट से कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी.
उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल हम जापान से कच्चा माल आयात कर रहे हैं, लेकिन भविष्य में उसे भी भारत में बनाने की योजना बना रहे हैं.
मेहता ने बताया कि शुरुआत में हम प्रतिदिन 3,00,000 चिप का उत्पादन करेंगे. हमारा लक्ष्य केवल चिप मैन्युफैक्चर करना ही नहीं है, बल्कि इनोवेशन को बढ़ावा देना है. इस सुविधा से आपूर्ति श्रृंखला में देरी की समस्या समाप्त होगी, लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को सपोर्ट मिलेगा.
उद्घाटन के दौरान सुची सेमीकॉन ने ‘मेड इन इंडिया’ लेबल की अपनी सेमीकंडक्टर चिप दिखाई. इस प्लांट में करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है. अपनी पूरी क्षमता पर यह प्लांट प्रतिदिन 30 लाख सेमीकंडक्टर चिप तक बना सकता है.
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एबीएस/