किसान आंदोलन : आमरण अनशन पर डल्लेवाल हुए कमजोर, किसान नेताओं ने बताई आगे की रणनीति

खनौरी, 13 दिसंबर . पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से किसानों की मांगों को लेकर पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं. इस पर उनके पुत्र गुरप्रीत सिंह डल्लेवाल ने अपने पिता की गिरती सेहत पर चिंता जाहिर की.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “मेरे पिता की सेहत पहले जैसी नहीं है. अब उनकी स्थिति वैसी नहीं रही है. इसलिए, जब हम उन्हें देख रहे हैं तो थोड़ी चिंता होती है कि वह थोड़े कमजोर हो गए हैं. लेकिन, अगर मैं देखूं तो मेरे किसान भाई और बहन जो इतनी बड़ी संख्या में आए हैं, उनका समर्थन और दिल से जो सहारा है, वह बहुत बड़ा है.”

उन्होंने आगे कहा, “जब हम अनशन पर बैठने की योजना बना रहे थे, तो घर में इस बारे में कुछ बातचीत हुई थी. हम कभी भी इस कदम को रोकने वाले नहीं थे, क्योंकि अगर किसी की भलाई के लिए कुछ किया जा रहा है, तो हम उसे समर्थन देंगे. किसानों की भलाई के लिए अगर कुछ किया जा रहा है, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं पूरी तरह से समर्थन करता हूं.”

किसान नेता राकेश टिकैत के आंदोलन में शामिल होने पर अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, “रोजाना किसानों की संख्या और किसान नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. इससे हमारे मोर्चे को और मजबूती मिल रही है. सारे नेता सम्मान के योग्य हैं. जैसे-जैसे किसानों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे किसान मोर्चे की मजबूती भी बढ़ रही है. हमने हमारे नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के 26 नवंबर को आमरण अनशन शुरू होने के अगले 10 दिन का सरकार को अल्टीमेटम दिया था. हमने कहा था कि अगर सरकार हमारी बात सुन लेती है तो किसानों का जत्था नहीं जाएगा, नहीं तो हमारे 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा. लेकिन, सरकार ने बात नहीं मानी.”

पीएसएम/एबीएम