नई दिल्ली, 12 दिसंबर . देश के हवाई अड्डों पर तीन साल में 6.5 करोड़ यात्रियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के पूंजीगत निवेश का अनुमान है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, यह वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 के दौरान किए गए 53 हजार करोड़ रुपये की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है.
हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ हवाई अड्डा इकोसिस्टम में टैरिफ और खर्च में वृद्धि से वित्त वर्ष 2024-25 से 2026-27 के बीच निजी भारतीय हवाई अड्डों के राजस्व में औसतन 17 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
वित्त वर्ष 2023-24 में देश के सभी हवाई अड्डों के 60 प्रतिशत और निजी हवाई अड्डों के 95 यात्री परिवहन संभालने वाले 11 निजी हवाई अड्डों की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर फंडिंग पहुंच और एक स्थिर नियामक व्यवस्था के साथ निजी हवाई अड्डों की मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल को समर्थन मिलेगा.
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, “भारतीय हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या पिछले वित्त वर्ष में 37.6 करोड़ रही थी. वित्त वर्ष 2026-27 तक तीन साल में इसमें 8-9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है.”
गुप्ता ने कहा, “देश में हवाई यात्रियों की संख्या में 80 प्रतिशत का योगदान देने वाले घरेलू यातायात में वृद्धि होगी. यह व्यापार और अवकाश क्षेत्रों से बढ़ती मांग और विमानन नेटवर्क के विस्तार के सरकार के प्रयासों पर निर्भर करेगी.”
‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) योजना के तहत जुलाई 2024 तक 84 हवाई अड्डों और 579 मार्गों पर उड़ानों का संचालन शुरू हो गया था.
इन हवाई अड्डों पर हवाई यातायात कुल घरेलू हवाई यातायात का दो प्रतिशत है, लेकिन ये क्षेत्रीय मार्ग महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे मेट्रो हवाई अड्डों को फीडर यातायात प्रदान करते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, व्यावसायिक यात्रा में वृद्धि, वीजा आवश्यकताओं में ढील और नए मार्ग जोड़ने वाली एयरलाइनों के साथ कनेक्टिविटी में सुधार के कारण अंतर्राष्ट्रीय यातायात भी बढ़ेगा.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में अक्टूबर में 5.3 प्रतिशत बढ़कर 1.36 करोड़ हो गई. पिछले साल अक्टूबर में यह 1.26 करोड़ थी.
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एसकेटी/एकेजे