चंडीगढ़, 12 दिसंबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई ने गुरुवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर नगर निगम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने की मांग की है.
पार्टी ने अपने पत्र में कहा, “पंजाब में आगामी नगर निगम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराए जाए. हमारे संज्ञान में आया है कि पंजाब सरकार पक्षपातपूर्ण हितों के प्रभाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए राज्य मशीनरी का उपयोग कर रही है. इस तरह की कार्रवाइयां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खतरे में डाल रही हैं और चुनावों की निष्पक्षता में जनता के विश्वास को कम कर रही हैं. इस वजह से विपक्षी उम्मीदवारों को भारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.”
पत्र में कहा गया, “यही नहीं, उम्मीदवारों को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में प्रवेश करने से रोका जा रहा है. इसी तरह की स्थिति इससे पहले 2024 में हुए पंचायत चुनावों के दौरान भी हुई थी, जिसमें व्यापक हिंसा हुई थी और इस बात की चिंता बढ़ रही है कि मौजूदा चुनावों में स्थिति और भी खराब हो सकती है. यह भी देखा गया है कि विपक्षी उम्मीदवारों को पुलिस द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने और झूठे मुकदमे की धमकी दी जा रही है.”
पत्र में आगे कहा गया, “चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले तरीके न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि उम्मीदवारों और मतदाताओं के मौलिक अधिकारों को भी कमजोर करती हैं. वह विशेष चिंता पटियाला की स्थिति को लेकर पैदा हुई, जहां अपना नामांकन दाखिल करने का प्रयास कर रहे एक उम्मीदवार को रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय के बाहर गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके अलावा, गौतम सूद को घनौर साहिब सिंह क्षेत्र के एसएचओ द्वारा मनमाने और अनुचित तरीके से गिरफ्तार किया गया था. पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को औपचारिक शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है.”
पार्टी ने पत्र लिखकर राज्यपाल से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक सुरक्षाबलों को तैनात करने का निर्देश दिया है.
इसके अलावा, पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी उम्मीदवार को धमकी देने के मामले को संज्ञान में लेने के बात तुरंत कार्रवाई की जाए.
पत्र में आगे कहा गया, “पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए नामांकन और चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य करें. पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करते या कदाचार में लिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए.”
–
एसएचके/केआर