लखनऊ, 10 दिसंबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘संगठन पर्व- 2024’ के तहत प्रदेश में हो रहे पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के संदर्भ में मंगलवार को विश्वेश्वरैया सभागार में अवध क्षेत्र की कार्यशाला संपन्न हुई. कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने उपस्थित प्रतिनिधियों को मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया और संगठनात्मक चुनाव से जुडे़ अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी.
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री और अवध क्षेत्र के प्रभारी संजय राय, प्रदेश की सह चुनाव अधिकारी रंजना उपाध्याय, अवध क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने भी संबोधित किया. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने ‘संगठन पर्व’ के तहत हुई अवध क्षेत्र की क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राथमिक सदस्य और सक्रिय सदस्य बनाने का अभियान पूरा हो चुका है. बूथ समितियों के गठन और मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है. जितना मजबूत बूथ और मंडल की इकाई होगी, भाजपा भी उतनी ही मजबूत होगी. मजबूत बूथ और मंडल इकाइयां ही 2027 के चुनावों में भाजपा की तीसरी बार लगातार सरकार बनाने में सहयोगी होंगी.
उन्होंने कहा कि सभी बूथों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा. इसके लिए शक्ति केंद्र स्तर पर विस्तारक तय किए जाएंगे, जो तीन दिन तक स्थानीय स्तर पर प्रवास कर बूथ समितियों का सत्यापन करेंगे.
उन्होंने कहा कि मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की भी प्रक्रिया चल रही है. निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि 45 वर्ष की आयु तक के कार्यकर्ता ही मंडल अध्यक्ष बनें. विधानसभा और जिले में जो मंडल अध्यक्ष निर्वाचित हो रहे हैं, उनके चयन में सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी सिद्धांत के तहत प्रत्येक सामाजिक वर्ग को प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है. महिलाओं की प्रतिभागिता भी सुनिश्चित हो. संगठन सशक्त बने, इसके लिए निर्वाचन प्रक्रिया में सभी प्रमुख और वरिष्ठ लोगों से भी विचार-विमर्श करना चाहिए ताकि उनके अनुभवों का लाभ मिल सके.
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में श्रेष्ठता ही पैमाना है, इसका विशेष ध्यान रखा जाए. निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल लोग इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि उन्हें निर्णय अपनी पसंद-नापसंद से नहीं, बल्कि संगठन के हित को ध्यान में रखते हुए लेना है. मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन 15 दिसंबर तक पूरा किया जाना है. इसके बाद 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया चलेगी.
अवध क्षेत्र की कार्यशाला में संगठनात्मक चुनाव के लिए जिला चुनाव अधिकारी-सहचुनाव अधिकारी, मंडलों के चुनाव अधिकारी सहित जिलाध्यक्ष, जिलाप्रभारी सम्मिलित हुए.
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