पंचकूला, 10 दिसंबर . बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मंगलवार को पंचकूला में सनातन सुरक्षा मंच और हिंदू समाज की ओर से विरोध-प्रदर्शन किया गया. इस विरोध प्रदर्शन में धार्मिक, सामाजिक और आम नागरिक शामिल हुए.
पंचकूला सेक्टर 2 शहीद मेजर संदीप सांखला चौक से उपायुक्त कार्यालय तक एक आक्रोश मार्च निकाला गया. इसमें विभिन्न धार्मिक संस्थाओं से संत शामिल हुए. इसके अलावा इस प्रदर्शन में सामाजिक संस्थाएं और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
इस प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के द्वारा प्रदर्शन किया गया और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उपायुक्त पंचकूला मोनिका गुप्ता के माध्यम से राष्ट्रपति और देश के प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया. इस प्रदर्शन में अमृता दीदी और अन्य संत शामिल हुए.
अमृता दीदी ने कहा कि आज हरियाणा के प्रदेश भर में जिला स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं और पंचकूला में भी हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें कोई विशेष संगठन नहीं है और सभी हिंदू संगठन मिलकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिस प्रकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, मंदिर तोड़े जा रहे हैं, हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और देवी देवताओं का अनादर किया जा रहा है, वो निंदनीय है. इस प्रकार की घटना हमारे लिए असहनीय है.
उन्होंने कहा कि चार-पांच महीने से बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार चल रहा है. हमें सामूहिक तौर पर आगे बढ़ने की जरूरत है. एक भी हिंदू पर जहां भी अत्याचार होता वहां पर एक होकर आवाज बुलंद करने की जरूरत है. जब तक हम इकट्ठा नहीं होंगे और अपनी मांग को नहीं रखेंगे तो तब तक कोई सुनने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं के प्रति इस प्रकार के अत्याचार पर यूएन की आवाज दबी हुई है. वहां महिलाओं के साथ बलात्कार और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, क्या यह विश्व को दिखाई नहीं दे रहा? बांग्लादेश में संतों को पकड़ कर जेलों में डाला जा रहा है. जब तक हिंदू एक नहीं होता तब तक यह दिखाई नहीं देगा. हिंदू समाज को भी सड़कों पर निकल कर आना चाहिए और सोशल मीडिया के जरिए विरोध दर्ज करना चाहिए.
बांग्लादेश एक देश कहलाने के योग्य नहीं है क्योंकि वहां पर इस प्रकार से नरसंहार हो रहा है. जिस प्रकार से पाकिस्तान का बहिष्कार किया गया इस प्रकार से अब वक्त आ गया है कि बांग्लादेश का भी बहिष्कार किया जाए. अगर हिंदू समाज बंटा हुआ भी है तो एक साथ आने की जरूरत है.
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एकेएस/एएस