’सशक्त भारत’ के निर्माण के लिए ‘स्वस्थ भारत’ का होना जरूरी : सीएम योगी

गोरखपुर, 9 दिसंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘सशक्त भारत’ के निर्माण के लिए ’स्वस्थ भारत’ का होना जरूरी है. ‘स्वस्थ भारत’ के लिए हर नागरिक की आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में केंद्र और प्रदेश की सरकार हर एक स्तर पर पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना, आयुष्मान वय वंदना योजना हो या फिर मुख्यमंत्री राहत कोष से जरूरतमंदों को भरपूर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के कार्य, यह सभी स्वस्थ भारत के जरिए सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ाए गए कदम हैं.

सीएम योगी सोमवार को महंत दिग्विजयनाथ पार्क में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरण समारोह’ को संबोधित कर रहे थे. 19 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से वय वंदना कार्ड प्रदान किए और उनसे आत्मीय संवाद कर उनका कुशलक्षेम जाना और सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन की कामना की.

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 के पहले आजादी के बाद 70 सालों में प्रदेश में सिर्फ 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे जबकि आज डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश के 75 में से 65 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की सौगात दे दी है. अकेले इस वर्ष 16 मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए. इनमें से 13 सरकारी और 3 पीपीपी मोड पर संचालित होंगे. इसके अतिरिक्त दो नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी शुरू हुए हैं.

पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष इंसेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होती थी. 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार ने प्रभावी नियंत्रण के साथ बीमारी को समाप्त कर दिया है. 2017 के पहले जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश में अकेला गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज था, वह भी खुद बीमार रहा करता था. जबकि आज डबल इंजन की सरकार में गोरखपुर में एम्स खुल चुका है, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशिएलिटी की सेवा शुरू हो चुकी है. पहले देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बहराइच में मेडिकल कॉलेज नहीं थे, वहीं आज इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज बन गए हैं या बन रहे हैं.

सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर जिले में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू, डायलिसिस, सीटी स्कैन, कलर डॉपलर, एमआरआई, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट यूनिट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कर रही है और इसका लाभ बड़े पैमानों पर नागरिक ले रहे हैं. इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाने के साथ ही सरकार ने कोरोना के संकट काल में प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों को बचाने के लिए सफल प्रयास किया. इंसेफेलाइटिस से मुक्ति दिलाने के बाद कोरोना को भी समाप्त किया गया. यह सुदृढ़ हुई स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते ही संभव हुआ.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई ‘आयुष्मान भारत योजना’ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. प्रति साल 5 लाख रुपये की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए इसमें लाभार्थी को कुछ भी नहीं देना है, हर साल सिर्फ ‘आयुष्मान हेल्थ कार्ड’ का नवीनीकरण कराना है. इस योजना का लाभ देश में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के लोगों को मिला है. प्रदेश में 5 करोड़ 25 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान हेल्थ कार्ड बने हैं. इस योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी सूचीबद्ध हैं. इस योजना से आच्छादित लोगों के इलाज हेतु सरकार ने व्यापक प्रबंधन किए हैं. अस्पतालों में इसके लिए अलग कर्मचारी और काउंटर की व्यवस्था है ताकि लाभार्थियों को कोई असुविधा न हो. किन्हीं भी कारणों से जो जरूरतमंद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से वंचित रह गए हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभान्वित किया गया है.

सीएम योगी ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ गोरखपुर के लोगों को भी भरपूर मिल रहा है. गोरखपुर में 91 सरकारी और 189 निजी अस्पतालों यानी कुल 280 अस्पतालों को इस योजना के तहत आच्छादित किया गया है. आयुष्मान योजना में लाभार्थियों के इलाज के लिए सरकार ने अस्पतालों को 320 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं. हर जरूरतमंद नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए सरकार की चलाई योजनाओं के बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति वंचित रह जाता है तो उसे मुख्यमंत्री राहत कोष से बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है.

उन्होंने बताया कि अकेले गोरखपुर में 7,437 लोगों को 123.16 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई गई है. यदि कोई व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना या दीनदयाल कैशलेस योजना में भी नहीं है तो उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में देर नहीं लगाई जाती है. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों और समाज के जागरूक लोगों का आह्वान किया है कि वे 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग का आयुष्मान व वंदना कार्ड बनवाने में मदद करें. इस योजना में न तो जाति और क्षेत्र का कोई भेद है और न ही कोई आय सीमा का बंधन. हर पात्र बुजुर्ग का कार्ड बनवाने के साथ ही उन्हें इसके तहत मिलने वाली सेवाओं और अस्पतालों की सूची भी उपलब्ध कराएं.

उन्होंने कहा कि यह कार्य करके मातृऋण, पितृऋण और गुरुऋण से तो मुक्ति मिलेगी ही, ढेर सारा पुण्य लाभ भी होगा. मुख्यमंत्री ने वय वंदना योजना के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच की परिचायक है. इस योजना से अब कोई भी बुजुर्ग अपने परिवार के लिए बंधन महसूस नहीं होगा, उसके इलाज का सारा खर्च सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने नई पीढ़ी को बुजुर्गों का सम्मान और सेवा करने की नसीहत देते हुए कहा कि आज जिनकी श्रम और साधना पर हम टिके हैं, उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी भी हमारी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में 8,325 लोगों के वय वंदना कार्ड बनाए जा चुके हैं. हर जागरुक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को इस योजना से लाभान्वित कराए.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष्मान योजना, दीनदयाल कैशलेस योजना और मुख्यमंत्री राहत कोष से गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले कुल छह लाभार्थियों से भी संवाद किया. इन लाभार्थियों ने इलाज में सरकार की तरफ से मिली मदद के लिए मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की.

मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान कार्ड की लाभार्थी रुस्तमपुर की इसरावती देवी ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक माह पहले उनका कार्ड बना था. इसके माध्यम से उन्होंने अपनी आंख का ऑपरेशन कराया है और इसमें उनका एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है. दीनदयाल कैशलेस योजना की लाभार्थी संध्या राय ने बताया कि उन्होंने इस योजना के माध्यम से गाल ब्लैडर का ऑपरेशन कराया है और उन्हें कोई धनराशि खर्च नहीं करनी पड़ी.

आयुष्मान भारत की लाभार्थी शारदा देवी ने मुख्यमंत्री को बताया कि अगस्त में उन्होंने कार्ड बनवाया था. कार्ड बनवाने के बाद उन्होंने पथरी का मुफ्त ऑपरेशन कराया है. दीनदयाल कैशलेस योजना के लाभार्थी आशुतोष शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने पैर का ऑपरेशन कराया और योजना के चलते उन्हें एक भी पैसा नहीं देना पड़ा. मुख्यमंत्री राहत कोष से कैंसर के इलाज में सहायता पाने वाली गुलरिया बाजार की भुवरी देवी ने सीएम योगी को बताया कि राहत कोष से उन्हें पौने दो लाख रुपया मिला और इसके चलते उनका इलाज आसानी से हो रहा है.

उन्होंने कहा कि उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चिंता न करें. जब तक कार्ड नहीं बनेगा तब तक सरकार उनके इलाज में पैसे की तंगी को बाधा नहीं बनने देगी. मुख्यमंत्री राहत कोष से ही आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले सुधीर सिंह ने बताया कि वह माउथ कैंसर से पीड़ित हैं. इलाज में दिक्कत आने पर उन्होंने आवेदन किया तो मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हें तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिली. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि आगे भी इलाज जारी रहने पर उन्हें सहयोग मिलता रहेगा.

आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरण समारोह में सांसद रवि किशन शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को बीमारू प्रदेश की छवि से निकाल कर उत्तम प्रदेश बना दिया है. उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और गोरखपुर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी स्थान हासिल कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच है कि हर गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा मिले.

एसके/एबीएम