यमुनानगर (हरियाणा), 8 दिसंबर . किसानों के दिल्ली कूच के प्रयासों के बीच हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने रविवार को कहा कि पंजाब सरकार को अपने राज्य के किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए.
श्याम सिंह राणा ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कहीं भी लंबा आंदोलन चलता है तो वहां विकास बाधित होता है, उद्योग वहां से भागना शुरू कर देते हैं. किसानों को चाहिए कि वे पंजाब सरकार से और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत करके अपनी समस्याओं का समाधान निकलवाएं. मुख्यमंत्री मान की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने प्रदेश के किसानों और अन्य वर्गों की बात सुनें. सभी किसानों को अपने-अपने प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर समस्याओं का समाधान करवाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि हरियाणा के किसान यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला है. उन्होंने नेशनल हाईवे पर जमीन को लेकर उनसे बातचीत की है. उनकी बातचीत को लेकर वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात करके उनकी समस्याओं का समाधान निकलवाएंगे.
किसान नेताओं ने भी पुष्टि की कि जमीन के मुद्दे को लेकर उन्होंने कृषि मंत्री से बात की है जिन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
इससे पहले शनिवार को हरियाणा सरकार के एक और मंत्री कृष्ण बेदी ने दावा किया था कि आंदोलन करने वाले किसान हरियाणा के नहीं हैं. उन्होंने कहा, “ये हरियाणा के किसान नहीं हैं बल्कि पंजाब के जत्थेदार किसान हैं, जिनकी छोटी-मोटी समस्याएं हैं. केंद्र सरकार उन्हें हल कर लेगी. किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने सबसे ज्यादा काम किया है. ऐसी फसलों का भी मुआवजा दिया गया है जो इस बार नहीं हो पाईं. हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए 24 फैसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया है. साथ ही पराली प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को शाबाशी दी है, जबकि पंजाब में ऐसा नहीं हो रहा है. ये सब आंदोलनकारी किसान पंजाब के हैं.”
किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है. सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही ड्रोन और वाटर कैनन की व्यवस्था भी की गई है.
–
एकेएस/एकेजे