एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई के बीच एमओयू, हाशिए पर पड़े समुदायों को प्रदान की जाएगी वित्तीय सहायता

नई दिल्ली, 7 दिसंबर . अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) और दलित भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (डीआईसीसीआई) की नई दिल्ली में रविवार को बैठक हुई.

इस दौरान हाशिए पर पड़े समुदायों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया.

बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आज अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) और हमारे मंत्रालय के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस एमओयू के तहत हमारे मंत्रालय के अधिकारी दलितों, आदिवासियों और हाशिए पर रहने वाले अन्‍य समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे. हमारा लक्ष्य उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर उद्यमिता और उद्योग की ओर आगे बढ़ाना है. कोई भी अन्य देश अल्पसंख्यक समुदायों के लिए उतना काम नहीं करता जितना भारत करता है.

यह कार्यक्रम नालंदा हॉल, डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र नई दिल्ली में आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री किरण रिजिजू ने किया. इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार, डीआईसीसीआई के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले, एनएमडीएफसी की सीएमडी डॉ. आभा रानी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

प्रस्तावित साझेदारी से अल्पसंख्यकों और हाशिए पर पड़े समुदायों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है. एनएमडीएफसी और डीआईसीसीआई के बीच सहयोग आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उद्यमिता को बढ़ावा देने से व्यक्तियों को रोजगार सृजक बनने का अधिकार मिल रहा है, जिससे पूरे देश में जीवन और समुदायों में बदलाव आ रहा है.

एनएमडीएफसी ने 1994 में अपनी स्थापना के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 24 लाख से अधिक परिवारों के जीवन को बदल दिया है, जिसके लिए 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण समर्थन दिया गया है. हाशिए पर पड़े समूहों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के लिए प्रसिद्ध डीआईसीसीआई ने व्यवसाय नेतृत्व विकसित करने और सतत विकास के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों संगठनों का लक्ष्य आर्थिक विकास के लिए उद्यमशीलता को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में प्रोत्साहित करना, ऋण सहायता प्रदान करना, उद्यमियों को स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाने के साथ उद्यमशीलता के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करना है.

वहीं ईवीएम विवाद पर किरण रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस यह पचा नहीं पा रही है कि वो महाराष्ट्र में चुनाव हार गई. उन्हें लगता है कि 2024 लोकसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल कर लेना एक बड़ी उपलब्धि है.

एकेएस/