चेन्नई, 7 दिसंबर . भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के दिग्गज इंदु चंडोक का शनिवार सुबह निधन हो गया. वे छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय मोटरस्पोर्ट्स से जुड़े रहे. वे 93 वर्ष के थे और अपने पीछे दो बेटे, एक बेटी, सात पोते-पोतियां और चार परपोते-परपोतियां छोड़ गए हैं.
इंदु चंडोक के बेटे और मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब (एमएमएससी) के उपाध्यक्ष विक्की चंडोक ने कहा: “चंडोक परिवार के मुखिया का आज सुबह नींद में निधन हो गया. वे एक महान व्यक्ति थे. ‘बीआईसी’ ने अपने जीवन को अंत तक हास्य की भावना से भरपूर जिया. वे एक शानदार पिता और संरक्षक थे. एक तरह से, वे भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के मुखिया भी थे, जिन्होंने खेल के विकास के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ बड़ी तस्वीर देखी. परिवार और मोटरस्पोर्ट्स बिरादरी उन्हें याद करेगी.”
एमएमएससी के अध्यक्ष अजीत थॉमस ने कहा: “इंदु चंडोक के निधन से एमएमएससी और भारतीय मोटरस्पोर्ट्स ने एक दिग्गज और संस्थागत हस्ती खो दी है. भारत में मोटरस्पोर्ट्स को निश्चित दिशा प्रदान करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था और अब हम उनके अथक प्रयासों का फल भोग रहे हैं. उन्होंने एमएमएससी को आज की स्थिति तक पहुंचाया. हम उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.”
22 जुलाई, 1931 को कोलकाता में जन्मे और फिर 1932 में चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) चले गए, असीम ऊर्जा और विविध रुचियों से संपन्न इंदु चंडोक ने एक सक्रिय जीवन जिया. वे 1953 में मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और बाद में 1971 में फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया के वे अध्यक्ष (1978-79) भी थे. इसके अलावा वे ट्रस्ट का भी अभिन्न हिस्सा थे, जिसने श्रीपेरंबदूर के पास और चेन्नई से लगभग 40 किलोमीटर दूर इरुंगटकोट्टई में मद्रास इंटरनेशनल सर्किट (तत्कालीन मद्रास मोटर रेस ट्रैक) को खरीदा और विकसित किया.
इंदु चंडोक को देश में मोटरस्पोर्ट्स के विकास में उनके लंबे और स्थायी योगदान के लिए जाना जाता था. पिछले 60 वर्षों से मोटरस्पोर्ट्स से जुड़े रहने के कारण, पहले एक प्रतियोगी के रूप में और बाद में एक आयोजक के रूप में, उन्हें “भारत में मोटर स्पोर्ट्स के गॉडफादर” की उपाधि मिली.
उन्होंने अपने मोटरस्पोर्ट्स जीन को अपने बेटे विक्की चंडोक, जो एक पूर्व राष्ट्रीय रैली चैंपियन हैं, और पोते करुण चंडोक, जो भारत के दूसरे फॉर्मूला वन ड्राइवर (नारायण कार्तिकेयन के बाद) हैं, को दिया, जो अब एक प्रसिद्ध एफ1 रेस कमेंटेटर और विश्लेषक हैं.
–आईएनएस
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