आरबीआई ने एनआरआई विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज दरें बढ़ाई

मुंबई, 6 दिसंबर . आरबीआई ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा गैर-निवासी बैंक जमा यानी एफसीएनआर (बी) जमा पर ब्याज दर की सीमा बढ़ा दी. इससे एनआरआई अपनी बचत पर अधिक कमाई कर सकेंगे.

इस कदम का उद्देश्य ऐसे समय में अधिक विदेशी पूंजी आकर्षित करना है, जब विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे भारतीय रुपया दबाव में है.

एफसीएनआर (बी) जमा ऐसे खाते हैं, जहां गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई) अपनी कमाई को यूएसडी या जीबीपी जैसी विदेशी मुद्राओं में रख सकते हैं, जिससे उन्हें विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है.

आरबीआई ने एक बयान में कहा, “अधिक पूंजी प्रवाह को आकर्षित करने के लिए, आरबीआई ने एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा बढ़ाने का फैसला किया है.

6 दिसंबर, 2024 से बैंकों को 1 से 3 वर्ष से कम की परिपक्वता अवधि वाली नई एफसीएनआर (बी) जमाराशियों को 400 बीपीएस एआरआर प्लस से कम दरों पर जुटाने की अनुमति है. यह छूट 31 मार्च, 2025 तक उपलब्ध रहेगी.”

आरबीआई के एक बयान के अनुसार, अब तक एफसीएनआर (बी) जमाराशियों पर ब्याज दरें संबंधित मुद्रा/स्वैप के लिए ओवरनाइट अल्टरनेटिव रेफरेंस रेट (एआरआर) प्लस 1 से लेकर 3 वर्ष से कम की परिपक्वता अवधि वाली जमाराशियों के लिए 250 आधार अंक की अधिकतम सीमा के अधीन थीं.

इसी तरह, 3 से 5 वर्ष तक की परिपक्वता अवधि वाली जमाराशियों के लिए ओवरनाइट एआरआर प्लस 350 आधार अंक की अधिकतम सीमा के अधीन थीं. बैंकों को अब सभी अवधियों में उच्च ब्याज देने की अनुमति दी गई है.

आरबीआई ने सुरक्षित मुद्रा बाजारों पर आधारित बेंचमार्क, सिक्योर्ड ओवरनाइट रुपया दर (एसओआरआर) की शुरुआत के साथ आगे बढ़ने का भी फैसला किया है.

फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया लिमिटेड (एफबीआईएल) से इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया जा रहा है.

यह प्रस्ताव एमआईबीओआर बेंचमार्क पर आरबीआई की समिति की सिफारिश के अनुरूप लिया जा रहा है.

रिजर्व बैंक ने देश में रुपया ब्याज दर बेंचमार्क, विशेष रूप से मुंबई इंटरबैंक आउटराइट रेट (एमआईबीओआर) के उपयोग की समीक्षा करने और नए बेंचमार्क में बदलाव की आवश्यकता की जांच करने के लिए रामनाथन सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एमआईबीओआर बेंचमार्क पर समिति का गठन किया था.

समिति ने ब्याज दर डेरिवेटिव बाजार को और विकसित करने और ब्याज दर बेंचमार्क की विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपायों की सिफारिश की.

समिति की रिपोर्ट आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई थी, इसमें जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं. रिजर्व बैंक ने समिति की सिफारिशों के साथ-साथ प्राप्त फीडबैक की भी जांच की है.

आरबीआई के बयान में कहा गया है, “समिति की अन्य सिफारिशें विचाराधीन हैं.”

एसकेटी/